नई दिल्ली: जल्द ही हमारे बातचीत के माध्यम बदलने वाले हैं. हो सकता है कि जल्द ही आपको ऐसे स्मार्टफोन मिलें जो लेजर आधारित संचार प्रणाली पर चलते हों. या फिर नेविगेशन में सहायता मिले ताकि अंतरिक्ष से आने वाले संदेशों में कम वक़्त लगे. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) 4 दिसंबर को एक ऐसा सैटेलाइट लॉन्च करने वाला है, जो संचार के तरीकों को बदल डालेगा. रेडियो फ्रिक्वेंसी की जगह यह सैटेलाइट लेजर आधारित डेटा कम्यूनिकेशन पर कार्य करेगा.
NASA के इस मिशन का नाम लेजर कम्यूनिकेशन रिले डिमॉन्स्ट्रेशन (Laser Communication Relay Demonstration - LCRD) रखा है. इस सैटेलाइट में डेटा को लेजर के माध्यम से पृथ्वी पर भेजा जाएगा और लेजर के जरिए ही डेटा रिसीव किया जाएगा. इससे वक़्त की बचत होगी. क्योंकि रेडियो फ्रिक्वेंसी आधारित संचार में डेटा के खराब होने और देरी से मिलने की आशंका बनी रहती है. जबकि लेजर के साथ ये सब नहीं होगा. यह तेज रफ़्तार से संदेश भेजेगा और इसके माध्यम से भेजे गए डेटा को मौसम, हैकिंग या कोई रेडियो फ्रिक्वेंसी डिस्टर्ब नहीं कर सकेगी.
NASA LCRD तकनीक से संदेश भेजना इसलिए भी लाभकारी है, क्योंकि यह रेडियो फ्रिक्वेंसी से 10 से 100 गुना अधिक ताकतवर होगा. 10 से 100 गुना का मतलब ये होता है कि आप लेजर की ताकत के मुताबिक, संदेश का आदान-प्रदान कर सकते हैं. कम ऊर्जा का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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