नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार (20 फ़रवरी) को भूकंप पीड़ित तुर्की की मदद के लिए गए भारतीय सहायता दल के साथ बातचीत की। मानवहित को सर्वोपरि बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने निस्वार्थता की पहचान को और अधिक सशक्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि, हम पूरे विश्व को परिवार मानते हैं और इसके सदस्य होने के नाते संकट की घड़ी में तेजी से मदद का हाथ पहुंचाना हमारा कर्तव्य है। पीएम मोदी ने सोमवार को अपने आवास पर तुर्की में राहत एवं बचाव का कार्य करने पहुंची NDRF और अन्य एजेंसियों के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया। इस दौरान NDRF के महानिदेशक अतुल करवाल भी उपस्थित रहे।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि NDRF की प्रतिष्ठा लगातार बढ़ रही है और लोगों का उन पर भरोसा बढ़ा है। आपदा या संकट की घडी में लोग उनके (NDRF के) कहे अनुसार काम करते हैं। संकट के समय भारत की तुरंत प्रतिक्रिया को एक उपलब्धि मानते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इसने विश्व का ध्यान आकर्षित किया है और भारत के प्रति एक सद्भावना वाला रूप विकसित हुआ है। तिरंगा देखकर लोगों में उम्मीद जागती है। तिरंगे की इसी भूमिका को हमने यूक्रेन व अफगानिस्तान संकट और कोरोना काल में भी देखा है। अपने नागरिकों के साथ ही भारत ने अन्य देशों के नागरिकों की भी सहायता की है।
पीएम मोदी ने राहत कर्मियों को अपने अनुभव का डॉक्यूमेंटेशन करने के दायित्व का स्मरण कराते हुए कहा कि हमें रुकना नहीं है और अपने मानवीय चेहरे की शक्ति को कई गुना बढ़ाना है। हमने क्या-क्या सीखा, इससे आने वाले किसी संकट में सहायता मिलेगी। राहत कर्मियों की भारतीय टीम में महिलाओं की मौजूदगी की भी पीएम मोदी ने सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे आपदा से पीड़ित महिलाएं अपनी पीड़ा बता पाई हैं।
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