दुनियाभर में हो रही महाकुंभ की प्रतीक्षा, 82 देशों के जर्नलिस्ट पहुंचे भारत, पूरे विश्व में होगा टेलीकास्ट

दुनियाभर में हो रही महाकुंभ की प्रतीक्षा, 82 देशों के जर्नलिस्ट पहुंचे भारत, पूरे विश्व में होगा टेलीकास्ट
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प्रगरागराज: संगमनगरी प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और आधुनिकता का मिलन है। यह आयोजन दुनियाभर के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है। इस बार महाकुंभ में केवल तीर्थयात्री और संत ही नहीं, बल्कि विदेशी मीडिया और विभिन्न देशों के प्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में हिस्सा लेने आ रहे हैं। महाकुंभ का यह स्वरूप सनातन धर्म की परंपराओं को विश्व मंच पर प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर रहा है।

महाकुंभ 2025 को कवर करने के लिए 82 देशों के मीडिया समूहों ने आवेदन किया है। यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, खाड़ी देश और अफ्रीकी राष्ट्रों के इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म इस ऐतिहासिक आयोजन को लाइव टेलीकास्ट करेंगे। विदेशी मीडिया को सुविधाएं प्रदान करने के लिए परेड क्षेत्र में एक विशेष अंतरराष्ट्रीय मीडिया शिविर तैयार किया गया है। इस शिविर में मीडिया सेंटर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।

आयोजन की व्यापकता को ध्यान में रखते हुए, महाकुंभ 2025 को डिजिटल रूप से सशक्त बनाया गया है। आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल एप लॉन्च कर दुनियाभर के लोगों को इस आयोजन से जोड़ा गया है। ये डिजिटल प्लेटफॉर्म न केवल जानकारी साझा कर रहे हैं, बल्कि लोगों को महाकुंभ से भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप से जोड़ने का माध्यम भी बन रहे हैं। अमेरिका, फ्रांस, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से वेबसाइट और एप पर बड़ी संख्या में विज़िट्स दर्ज की जा रही हैं।

महाकुंभ का प्रचार-प्रसार केवल सरकार तक सीमित नहीं है। संत समाज ने भी इसे विश्व स्तर पर प्रचारित करने में अहम भूमिका निभाई है। निरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने मलेशिया दौरे के दौरान वहां के प्रधानमंत्री और पर्यटन मंत्री को महाकुंभ में शामिल होने का निमंत्रण दिया। इसके अतिरिक्त, प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने एनआरआई विभाग के माध्यम से 194 देशों के दूतावासों तक महाकुंभ का लोगो और जानकारी पहुंचाई है।

महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय पर्यटन, संस्कृति और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देने वाला मंच बन चुका है। इस आयोजन में श्रद्धालु कल्पवास, तपस्या और तीर्थयात्रा के जरिए आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं। इस बार, उनकी यात्रा को सुखद और यादगार बनाने के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं तैयार की गई हैं। यातायात, सुरक्षा, जल आपूर्ति और स्वच्छता की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

महाकुंभ 2025, भारतीय संस्कृति और परंपराओं को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर है। यह आयोजन भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिकता की गहराई को दुनिया के सामने प्रस्तुत कर रहा है। दुनियाभर के लोग इस आयोजन को देखने और अनुभव करने के लिए उत्सुक हैं। महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह भारत की वैश्विक छवि को सशक्त बनाने का प्रतीक भी बन रहा है। यह आयोजन दिखाता है कि कैसे आध्यात्मिकता और आधुनिकता साथ-साथ चल सकती हैं और एक नई ऊर्जा का संचार कर सकती हैं।

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