इंदौर/ब्यूरो। एक मां ने ढाई साल की बेटी को रोता-बिलखता छोड़ फांसी लगा ली। मासूम को पति के साथ भेजकर मां ने साड़ी का फंदा बनाया और पंखे पर फांसी लगा ली। बंद दरवाजा देख पति व देवर ने धक्का मारकर तोड़ा तो अंदर पत्नी फंदे पर लटकी थी। सूचना मिलने पर गुरुवार रात पहुंची पुलिस ने कमरे की छानबीन करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिये अस्पताल पहुंचाया।
हीरानगर TI दिलीप पुरी के मुताबिक घटना मारूति नगर की है। यहां रहने वाली सुनीता चौकसे (25) ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। सुनीता ने यह कदम शाम 4.30 से 5.30 बजे के बीच उठाया। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। अभी पूरा मामला जांच में है। देवर ओमप्रकाश ने बताया कि वह घर से कुछ ही दूरी पर रहता है। घर के सामने सुनीता के पति जितेन्द्र चौकसे की पान की दुकान है। दोपहर में भाई खाना खाने आए थे। वे शाम साढ़े चार बजे दुकान गए तो अपने साथ बेटी कीर्ति को भी ले गए। एक घंटे बाद जब बेटी रोने लगी तो भैया ने मुझे बुलाकर बेटी को घर छोड़ने का कहा। मैं बेटी कीर्ति को लेकर भैया के घर तीसरी मंजिल पहुंचा तो भाभी ने दरवाजा नहीं खोला। इधर बाहर कीर्ति मां के लिए जोर-जोर से रो रही थी। नीचे किरायेदारों से पूछने पर पता चला कि उन्होंने भी भाभी सुनीता को काफी देर से नहीं देखा। तब भैया जितेंद्र को बुलाया। दरवाजा अंदर से बंद होने के कारण हमने मिलकर तोड़ा तो भाभी फंदे पर लटकी थी।
टीआई दिलीप पुरी ने बताया कि कमरे में सुसाइड नोट नहीं मिला है। पति जितेन्द्र से पूछताछ की तो उसने बताया कि सुनीता को उसका मोबाइल चलाने के लिये चाहिए था। जो उसने देने से इंकार किया था। इस बात से सुनीता नाराज थी। इसके बाद जब कमरे से बाहर निकला तो सुनीता ने बेटी कीर्ति को अपने साथ ले जाने के लिये कहा। पति को लगा कि गुस्से में वह बेटी को ले जाने का कह रही है। बाद में वह बेटी को लेकर नीचे आ गया। इसके बाद सुनीता ने यह कदम उठा लिया। सुनीता के मायके पक्ष के लोग सीधी में रहते है। छह साल पहले दोनों की शादी हुई थी। मायके पक्ष के लोगों के आने के बाद पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
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