संभल: कांग्रेस नेता राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हिंसा पीड़ितों से मिलने जा रहे थे, किन्तु पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। इस कारण राहुल गांधी को मजबूरन दिल्ली लौटना पड़ा। इसके अतिरिक्त, प्रियंका गांधी भी संभल नहीं जा सकी। इस घटनाक्रम के बाद दोनों नेताओं ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा तथा इसे सत्ता के दुरुपयोग का मामला बताया। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी यात्रा को रोकने के लिए राजनीतिक दबाव का इस्तेमाल कर रही है, जिससे वे क्षेत्र में शांति बहाल करने के प्रयासों को लेकर प्रशासन की आलोचना न कर सकें।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, "राहुल गांधी हिंसा प्रभावित संभल में आग में घी डालने के लिए जा रहे थे। यदि उन्हें दुख और दर्द का एहसास करना है, तो वे बांग्लादेश में रह रहे अल्पसंख्यक हिंदुओं से मिलें।" प्रमोद कृष्णम ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी शांत हो चुकी हिंसा में अब फिर से आग लगाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल को यदि वास्तव में पीड़ितों से मिलने का शौक है, तो उन्हें बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं से मिलना चाहिए, जहां उन्हें निरंतर प्रताड़ित किया जा रहा है।
प्रमोद कृष्णम ने यह भी कहा कि संभल में पुलिस प्रशासन ने बहुत सूझबूझ से काम किया तथा अब वहां पूरी तरह से शांति है। उन्होंने प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि राहुल गांधी को चाहिए कि वे बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के बारे में देश की संसद में आवाज उठाएं और वहां भी जाएं। आचार्य प्रमोद कृष्णम दिल्ली से लखनऊ जाते वक़्त हापुड़ के छिजारसी टोल प्लाजा पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। वहीं, राहुल गांधी को गाजीपुर बॉर्डर पर रोक लिया गया था। जब प्रमोद कृष्णम से राहुल गांधी के संभल दौरे के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कांग्रेस पर कड़ा हमला किया।
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