मुंबई: वर्ली बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी के चलते तय प्रक्रिया का पालन न करने पर कड़ी फटकार लगाई है। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि अभियुक्तों के अधिकारों एवं अपराध की गंभीरता के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। सोमवार को न्यायमूर्ति भारती डांगरे एवं मंजूषा देशपांडे की पीठ ने दो याचिकाओं पर सुनवाई की। ये याचिकाएं आरोपी मिहिर शाह एवं उनके ड्राइवर राजरिशी बिदावत ने दायर की थीं, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने की मांग की गई थी क्योंकि पुलिस ने लिखित में गिरफ्तारी का आधार नहीं बताया था।
आरोपियों के अधिवक्ता निरंजन मुंदार्गी और ऋषि भुता ने हलफनामे में कहा कि पुलिस ने इस बात को स्वीकार किया है कि गिरफ्तारी का आधार लिखित में नहीं बताया गया था। इस पर पीठ ने अपराधियों से सवाल किया, "आप किस प्रकार के नागरिक हैं? आप अपने अधिकारों की बात करते हैं, लेकिन पीड़ित के अधिकारों का क्या? अपराध की गंभीरता हमें रोकती है। आपके कृत्य से पीड़ित के अधिकार कुचल दिए गए हैं। ऐसे मामलों में अगर हम तकनीकी पहलुओं पर अटक गए तो भगवान भी हमें माफ नहीं करेंगे।"
पीठ ने स्पष्ट किया, "हम कानून और अपराध की गंभीरता के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं। यह आवश्यक है कि आरोपी को यह पता हो कि उसे क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है। क्या उसे अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों की जानकारी नहीं दी जानी चाहिए? नियमानुसार, पुलिस को गिरफ्तारी की वजह लिखित में बताने होते हैं।" पीठ ने पूरे मामले का जिक्र करते हुए कहा कि आरोपी ने पीड़िता कावेरी नखवा को 2 किलोमीटर से अधिक दूरी तक घसीटा था।
क्या है पूरा मामला?
वर्ली इलाके में एट्रिया मॉल के पास प्रातः 7 बजे एक बेकाबू BMW कार ने स्कूटी सवार मछुआरा दंपति प्रदीप नखवा एवं कावेरी नखवा को टक्कर मार दी थी। दुर्घटना के पश्चात् आरोपी ने कार नहीं रोकी, और कावेरी कार के बोनट पर लटक गईं तथा फिर सड़क पर गिर पड़ीं। इस दुर्घटना में महिला की मौत हो गई। घटना के पश्चात् आरोपी मिहिर शाह फरार हो गया था।
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