'...तो खत्म हो जाएगा सामाजिक ढांचा', लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर बोले नितिन गडकरी

'...तो खत्म हो जाएगा सामाजिक ढांचा', लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर बोले नितिन गडकरी
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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में लिव-इन रिलेशनशिप और समलैंगिक विवाह को समाज के परंपरागत नियमों के खिलाफ बताया। उनका कहना है कि इस प्रकार की प्रवृत्तियां भारतीय समाज की स्थिरता और सामाजिक संरचना को कमजोर कर सकती हैं। एक पॉडकास्ट के चलते उन्होंने इन मुद्दों पर खुलकर अपने विचार व्यक्त किए और इसे समाज के लिए चिंताजनक बताया।

नितिन गडकरी ने लिव-इन रिलेशनशिप को सीधे तौर पर गलत बताते हुए कहा, "मैंने एक बार लंदन में ब्रिटिश संसद का दौरा किया था। वहां मैंने ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से उनके देश के सामने मौजूद सबसे बड़े सामाजिक मुद्दों के बारे में पूछा। तब उन्होंने बताया कि यूरोपीय देशों में पुरुष और महिलाएं अब शादी में रुचि नहीं लेते और लिव-इन रिलेशनशिप को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह उनके समाज के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है।" उन्होंने कहा कि यह प्रवृत्ति केवल यूरोप तक सीमित नहीं है बल्कि यह अन्य समाजों को भी प्रभावित कर रही है। गडकरी के मुताबिक, लिव-इन रिलेशनशिप का प्रचलन भारतीय समाज की परंपराओं और मूल्यों के खिलाफ है। 

'बच्चों का पालन-पोषण माता-पिता का कर्तव्य'
वही जब गडकरी से पूछा गया कि लिव-इन रिलेशनशिप और समलैंगिकता जैसी प्रवृत्तियों का समाज पर क्या असर होगा, तो उन्होंने कहा, "अगर लोग शादी नहीं करेंगे, तो बच्चे कैसे पैदा होंगे? और यदि बच्चे पैदा नहीं होंगे, तो उन बच्चों का भविष्य क्या होगा? इसके अलावा, माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों का पालन-पोषण करें और उन्हें सही संस्कार दें। यदि सामाजिक ढांचा समाप्त हो जाएगा, तो इसका असर समाज के हर पहलू पर पड़ेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल बच्चे पैदा करने का मामला नहीं है, बल्कि उनका सही तरीके से पालन-पोषण करना भी महत्वपूर्ण है। यदि आप यह सोचते हैं कि बच्चे केवल आनंद के लिए पैदा किए गए हैं और आप उनकी जिम्मेदारी नहीं उठाना चाहते, तो यह बिल्कुल गलत है।

समलैंगिक विवाह को लेकर गडकरी ने कहा कि यह भी सामाजिक संरचना के लिए हानिकारक है। उनका मानना है कि इस तरह के विवाह परंपरागत परिवार व्यवस्था और सामाजिक ढांचे को कमजोर कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "यदि सामाजिक ढांचा टूट जाएगा, तो लोगों के बीच आपसी संबंध और जिम्मेदारियों की भावना कमजोर हो जाएगी। यह समाज में अस्थिरता पैदा करेगा।"

क्या भारत में प्रतिबंधित होना चाहिए तलाक?
वही जब उनसे यह पूछा गया कि क्या आदर्श भारतीय समाज में तलाक पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, तो उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा कि तलाक को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि लिव-इन रिलेशनशिप जैसी व्यवस्थाएं सही नहीं हैं और इन्हें बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में परिवार का महत्व केवल व्यक्तिगत रिश्तों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामूहिक जिम्मेदारी और नैतिकता का आधार भी है।

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