ग्वालियर: कांग्रेस नेताओं के इस तंज का जवाब देते हुए कि उनके पूर्वज ने रानी लक्ष्मीबाई को 'धोखा' दिया था, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को सवाल किया कि अगर ऐसा था तो, उनके दिवंगत पिता (माधवराव सिंधिया) और बाद में उन्हें कांग्रेस में शामिल होने की अनुमति क्यों दी गई। 2020 में कांग्रेस छोड़ने वाले भाजपा नेता ने प्रेस वालों से कहा कि, वह इस तरह की आलोचना से परेशान नहीं थे।
उन्होंने पूछा कि, "जिन्होंने इतिहास का एक पन्ना भी नहीं पढ़ा है, वे जो बोलना चाहते हैं उन्हें बोलने दें। मेरे परिवार के कार्य, विचार और विचारधारा ग्वालियर, ग्वालियर संभाग, मध्य प्रदेश और देश के लिए समर्पित हैं... अगर वे इतने चिंतित हैं, तो उन्होंने मेरे पिता (दिवंगत माधवराव सिंधिया) को, मुझे कांग्रेस में क्यों शामिल किया? बता दें कि, कांग्रेस द्वारा लगाए गए पोस्टरों में दावा किया गया है कि ग्वालियर के तत्कालीन शासकों, सिंधिया ने 1857 के विद्रोह के दौरान झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई और बाद में 1967 और 2020 में कांग्रेस पार्टी को धोखा दिया था। यह पोस्टर्स शुक्रवार को यहां कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की रैली से पहले शहर में देखने को मिले।
रैली में, कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने दोहराया कि सिंधिया परिवार ने पहले लक्ष्मीबाई को और फिर 1967 में कांग्रेस को धोखा दिया। (विजया राजे सिंधिया का जिक्र करते हुए जिन्होंने राज्य में कांग्रेस सरकार को गिरा दिया था)। बता दें कि, कुछ आलोचकों द्वारा ग्वालियर के तत्कालीन सिंधिया महाराजा पर अंग्रेजों के खिलाफ झाँसी की रानी की मदद न करने का आरोप लगाया जाता है। मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति वफादार विधायकों के विद्रोह करने और भाजपा में शामिल होने के बाद राज्य में कांग्रेस सरकार गिर गई थी। जिसके बाद से कांग्रेस अक्सर ज्योतिरादित्य सिंधिया को धोखेबाज़ कहती रहती है। हालाँकि, सिंधिया के विचार कांग्रेस से उस समय ही अलग हो गए थे, जब मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से 370 हटाया था। सिंधिया ने सरकार के इस कदम को राष्ट्रहित में बताते हुए इसका स्वागत किया था, जबकि कांग्रेस पूरी ताकत से घाटी में वापस 370 लागू करने की कोशिश करती दिखी थी। ध्यान रहे, घाटी में पनपे आतंकवाद की जड़ यही 370 था, जिसे हटाए जाने के बाद वहां आतंकी वारदातों, पत्थरबाज़ी, आतंकी भर्ती आदि में गिरावट आई है और रोज़गार, व्यवसाय के नए अवसर खुले हैं।
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