वास्तु शास्त्र एक ऐसी पद्धति है जो व्यक्तियों को उनके जीवन में आने वाली समस्याओं को खत्म करने में मदद कर सकती है। इस साधना में दिशाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वास्तु शास्त्र अनेक समस्याओं के विभिन्न समाधान प्रदान करता है, जिससे व्यक्ति सुखी जीवन जीने में सक्षम होता है। सनातन धर्म में पूजा-पाठ का बहुत महत्व है और हर घर में एक मंदिर होता है जहां आमतौर पर धूप और दीपक के लिए माचिस का इस्तेमाल किया जाता है। हालाँकि, वास्तु शास्त्र के अनुसार, कुछ विशेष नियम हैं जो पूजा घर में माचिस रखने पर रोक लगाते हैं।
भूलकर भी ना रखें पूजा घर में माचिस
वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार पूजा के लिए निर्धारित घर में माचिस की तीलियाँ रखना वर्जित है। वास्तु नियमों के अनुसार, पूजा के लिए निर्दिष्ट क्षेत्र को हमारे घर में सबसे पवित्र स्थान माना जाता है, और वास्तु शास्त्र में सलाह दी जाती है कि इस पवित्र क्षेत्र में किसी भी ज्वलनशील वस्तु को संग्रहीत करने से बचना चाहिए।
पूजा घर में माचिस रखने का असर
ज्योतिष विशेषज्ञों का दावा है कि पूजा घर में माचिस रखने से नकारात्मक शक्तियां आकर्षित हो सकती हैं। इसका कारण धूप और दीपक जलाने के लिए जली हुई माचिस की तीलियों को उसी स्थान पर फेंकने की प्रथा है। ये माचिस की तीलियाँ नकारात्मक ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। इसके अलावा, आपके पूजा प्रयास भी वांछित परिणाम देने में विफल रहते हैं।
कहां रखें माचिस
वास्तु शास्त्र के अनुसार माचिस को हमेशा बंद अलमारी या बंद जगह पर रखना शुभ माना जाता है, इससे घर में किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा का आकर्षण नहीं होता है।
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