एक नहीं अनेकों नाम है शनिदेव के

एक नहीं अनेकों नाम है शनिदेव के
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शनिदेव के एक नहीं बल्कि अनेकों नाम शास्त्रों में उल्लेखित है। वैसे शास्त्रों में भगवान शनिदेव के एक सौ आठ नाम बताए गए है और कहा गया है कि यदि इन सभी नामों का स्मरण किया जाए तो निश्चित ही भगवान शनिदेव की कृपा प्राप्ति होती है। हालांकि जिन नामों को यहां उल्लेखित किया जा रहा है, उनसे अधिकांश लोग परिचित नहीं है। तथापित कुछ नामों को यहां बताया जा रहा है। इन नामों का स्मरण करने के लिये शनिवार ही उत्तम दिन माना गया है।

शनैश्चर,
सर्वाभीष्टप्रदायिन्,
शरण्य,
वरेण्य,
सर्वेश,
सौम्य,
सुरवन्द्य,
सुरलोकविहारिण्,
सुखासनोपविष्,
सुन्दर,
घन,
घनरूप,
घनाभरणधारिण्,
घनसारविलेप,
खद्योत,
मन्द,
मन्दचेष्ट,
महनीयगुणात्मन्,
मर्त्यपावनपद,
महेश,
छायापुत्र,
शर्व,
शततूणीरधारिण,
चरस्थिरस्वभा,
अचञ्चल,
नीलवर्ण,
नित्य,
नीलाञ्जननिभ,
नीलाम्बरविभूशण,
निश्चल,
वेद्य,
विधिरूप,
विरोधाधारभूमी,
भेदास्पदस्वभाव,
वज्रदेह,
वैराग्यद,
वीर,
वीतरोगभय,
विपत्परम्परेश,
विश्ववन्द्य,
गृध्नवाह,
गूढ,
कूर्माङ्ग,
भक्तिवश्य,
भव्य,
पावन,
धनुर्मण्डलसंस्था,
धनदा,
धनुष्मत्,
तनुप्रकाशदेह,
तामस,
अशेषजनवन्द्य,
विशेषफलदायिन्,
वशीकृतजनेश,

सहस्त्रार्जुन ने रावण को परास्त किया

मंत्रशास्त्र हमारी सनातन विद्या

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