बैंगलोर: कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में पार्टी के अंदर आरएसएस की विचारधारा के लोगों की उपस्थिति पर सवाल उठाया गया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी के भीतर जो लोग आरएसएस की सोच रखते हैं, उन्हें पहले खोजकर बाहर निकालना होगा। बैठक का आयोजन कांग्रेस के बेलगावी अधिवेशन की 100वीं वर्षगांठ मनाने के लिए किया गया था, जिसकी अध्यक्षता महात्मा गांधी ने की थी। इस बार बैठक का नाम 'नव सत्याग्रह बैठक' रखा गया, जिसमें 2025 की राजनीतिक और चुनावी चुनौतियों के लिए रणनीति तैयार की गई।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि भाजपा की धर्म की राजनीति का जवाब देने के लिए कांग्रेस को तेलंगाना की तर्ज पर अपने शासित राज्यों में जाति जनगणना करवानी चाहिए और इसे बड़े स्तर पर उठाना चाहिए। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने सुझाव दिया कि राहुल गांधी को 'भारत जोड़ो यात्रा' की तरह जिला स्तर पर जाकर आम कार्यकर्ताओं से मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम नेताओं को तो राहुल गांधी से मुलाकात का मौका मिलता है, लेकिन आम कार्यकर्ता उनसे नहीं मिल पाते।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक के बारे में फेसबुक पर पोस्ट किया और लिखा कि इस बैठक में पार्टी और देश से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि बापू की विचारधारा और आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया है और नफरत की राजनीति को सत्य और अहिंसा के माध्यम से हराया जाएगा। खरगे ने आगे कहा कि बापू की स्मृतियां हमें अन्याय से लड़ने का हौसला देती हैं।
सोनिया गांधी, जो बैठक में उपस्थित नहीं हो सकीं, ने अपना संदेश भेजा। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी हमेशा प्रेरणा के स्रोत रहेंगे। उन्होंने मोदी सरकार और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि वे विचारधाराएं महात्मा गांधी की विरासत को खतरे में डाल रही हैं। सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का इतिहास देश की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की रक्षा का गवाह है।
सोनिया गांधी ने अपने संदेश में महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि उस जहरीले माहौल को पोषित करने वाली ताकतों से लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि गांधी की विरासत को संरक्षित और सुरक्षित रखना कांग्रेस का कर्तव्य है। कुल मिलाकर, यह बैठक कांग्रेस के लिए आगामी चुनावों की तैयारियों के साथ-साथ विचारधारात्मक लड़ाई को तेज करने का मंच बनी। लेकिन बैठक के दौरान प्रदर्शित भारत के गलत नक्शे ने कांग्रेस को विवादों में घेर दिया। अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस अपने इन आंतरिक और बाहरी विवादों से निपटने में सफल हो पाएगी या नहीं।