नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सांसद जगदम्बिका पाल बेहद अहम वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का नेतृत्व करेंगे। बता दें कि, JPC में कुल 31 सदस्य हैं, जिनमें से 21 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से हैं, और यह अगले संसद सत्र के पहले सप्ताह के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
उल्लेखनीय है कि, वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था, जिसे संयुक्त संसदीय पैनल को भेज दिया गया था, क्योंकि कई विपक्षी सदस्यों ने विधेयक के संघीय ढांचे पर संभावित प्रभाव और धार्मिक स्वायत्तता पर इसके कथित अतिक्रमण के बारे में चिंता व्यक्त की थी। 40 प्रस्तावित बदलावों के साथ, वक्फ (संशोधन) विधेयक मौजूदा वक्फ अधिनियम के कई प्रावधानों को निरस्त करने का प्रयास करता है जो वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करता है। इसमें इन निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिमों के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के उपायों सहित महत्वपूर्ण संशोधनों का भी सुझाव दिया गया है।
9 अगस्त को लोकसभा और राज्यसभा ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू , जो संसदीय मामलों का विभाग भी संभालते हैं, द्वारा पेश प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, जिसमें समिति का हिस्सा बनने वाले सदस्यों के नाम बताए गए। अधिसूचना के अनुसार, समिति के 12 सदस्य सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से हैं, जिनमें भाजपा के आठ और विपक्ष के नौ सदस्य शामिल हैं। हालांकि, राज्यसभा में चार सांसद सत्तारूढ़ भाजपा से, चार विपक्ष से, एक वाईएसआरसीपी से है, जिसने विधेयक का विरोध किया है और एक मनोनीत सदस्य है।