आज का युग विज्ञान का युग है हर एक क्षेत्र में विकाश जारी है.इसी के चलते आज मानव भी कितना फ़ास्ट हो गया है.आज नई- नई तकनीकों का उपयोग हर एक मानव कर रहा है.दैनिक जीवन से दूर दूर तक इनका उपयोग हो रहा है .मनोरंजन के क्षेत्र में भी बढ़ते जा रहे है और उनकी मांग भी आज बहुत है .इन्हीं मनोरंजन के साधनों में है एक -गेमिंग
भारत में गेमिंग सेक्टर इस समय शुरुआती दौर में है. साथ ही आने वाले समय में जॉब के लिहाज से यह फील्ड काफी हॉट सेक्टर होगा.आज के हाईटेक वर्ल्ड में बच्चों के साथ-साथ युवा भी हाईटेक गेम्स के दीवाने होने लगे हैं. तभी तो इन्हें अब आउटडोर गेम कम और इंडोर गेम ज्यादा पसंद आने लगा है. यही वजह है कि हाल के वर्षों में इंडोर गेम्स यानी वीडियो, कम्प्यूटर और मोबाइल गेम्स का बाजार कई गुना बढ़ गया है. मनोरंजन की दुनिया में मोबाइल, कम्प्यूटर और वीडियो गेम तेजी से बढ़ता हुआ सेक्टर है.
गेमिंग मार्केट
मोबाइल गेमिंग का ग्लोबल मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। वैसे, भारत में मोबाइल गेमिंग इंडस्ट्री इस समय शुरुआती अवस्था में ही माना जा रहा है। लेकिन सेल्युलर ऑपरेटर्स की बढ़ती संख्या की वजह से भारत में भी गेम्स डेवॅलपर्स की मांग बढ़ी है.
रोजगार की संभावनाएं
इस समय रोजगार के लिहाज से यह सेक्टर आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है, क्योंकि कई गेमिंग कंपनियां भारत में अपना सेटअॅप तैयार करवा रही हैं. लेकिन क्वालिफाइड गेम डेवॅलपर्स की काफी कमी महसूस की जा रही है.स्किल्ड लोगों की कमी के कारण कंपनी अपने विस्तार की योजना पूरा कर पाने में भी कहीं न कहीं असमर्थ महसूस कर रही है. यानी रोजगार की संभावना तो भरपूर है, लेकिन सही उम्मीदवार की कमी बनी हुई है. वैसे, जावा, सी, सी , जे2एमई, ब्लैकबेरी, 2डी गेम डेवॅलपर्स, 3डी डेवॅलपमेंट के जानकारों के लिए असीम संभावनाएं मौजूद हैं। यहां आप गेम डिजाइनर, सीनियर लेवॅल डिजाइनर, डिजाइनर, लीड एनिमेटर, यूजर इंटरफेस आर्टिस्ट, एनवायरमेंट आर्टिस्ट, गेम प्रोग्रामिंग इंजीनियर, ऑडियो इंजीनियर, ग्राफिक प्रोग्रामर और नेटवर्क प्रोग्रामर के रूप में कार्य कर सकते हैं.
कम्प्यूटर गेम प्रोड्यूसर
इसके लिए डिजाइनिंग की जानकारी के अलावा, थ्री डी मॉडेलिंग और टू डी सॉफ्टवेयर का नॉलेज होना जरूरी है. वहीं ऑडियो इंजीनियर के लिए सी , साउंड इंजीनियरिंग के अलावा, अन्य लैंग्वेज की जानकारी आवश्यक है.वीडियो गेम प्रोड्यूसर का कार्य पूरे प्रोडक्शन की प्रक्रिया पर नजर रखना होता है. इस तरह के इंजीनियर डिजाइन, आर्ट, क्वालिटी कंट्रोल आदि टीम से साथ मिल कर काम करते हैं.
गेम डिजानइर
इनका कार्य गेम डिजाइनिंग के साथ गेम को फनी रूप भी देना होता है। साथ ही, ये गेम राइटिंग और डायग्राम भी तैयार करते हैं.लीड डिजाइनर पर पूरे डिजाइनिंग विजन, कॉन्सेप्ट, पॅ्रजन्टेशन, इंप्लिमेंटेशन आदि की जिम्मेदारी होती है.लेकिन इसके लिए टेक्नोलॉजी की जानकारी होने के साथ-साथ आर्टिस्टीक विजन बेहद जरूरी है.
लीड एनिमेटर
लीड एनिमेटर आमतौर पर लीड प्रोग्रामर और सीनियर आर्टिस्ट के साथ गेम के करेक्टर के हर पहलू पर काम करते हैं.यदि आप एनिमेटर के रूप में काम करना चाहते हैं, तो टू डी कॉन्सेप्ट आर्ट के माध्यम से थ्री डी मॉडल्स और टू डी टैक्सचर मैप को तैयार करने की योग्यता होनी चाहिए।
ऑडियो प्रोग्रामर
इस तरह के प्रोग्रामर पर गेम के लिए ऑडियो तैयार करने के अलावा, ये साउंड इंजीनियर से साथ मिल कर काम करते हैं। वैसे यह फील्ड कम्प्यूटर इंजीनियर के लिए बेहतरीन माना जाता है. ऑडियो प्रोग्रामर को गेम में स्पेशल इफेक्ट्ïस के इस्तेमाल के लिए साउंड सिंथेसिस के बारे में जानना आवश्यक है।
ग्राफिक प्रोग्रामर
गेम को डेवॅलप करने में ग्राफिक प्रोग्रामर टेक्निकल सपोर्ट प्रदान करता है। लेकिन इसके लिए ग्राफिक प्रोग्रामर को सी, सी , डायरेक्ट एक्स, ओपन जीएल, विंडो प्रोग्रामिंग, थ्री डी पैकेज आदि के बारे मालूम होना चाहिए.
सैलॅरी पैकेज
भारतीय गेमिंग वल्र्ड में टू डी और थ्री डी डेवॅलपमेंट प्रोफेशनल्स की जबरदस्त मांग है। इस हाइटेक गेम वल्र्ड में शुरुआती दौर में ही आपकी सैलॅरी 2 से 2.5 लाख रुपये सालाना हो सकती है। यदि आप इस क्षेत्र से भलीभांति अवगत हैं, यानी आप थ्री डी गेम डेवॅलपमेंट के जानकार है, तो सालाना सैलॅरी 3 से 4 लाख रुपये हो सकती है.
टॉप गेम डेवॅलपर्स
-डिजिटल चॉकोलेट, बेंगलूर.
-इंडिया गेम्स, मुम्बई.
-जंप गेम्स, मुम्बई.
-जैपेक, मुम्बई.
-इलेक्ट्रॉनिक ऑट्र्स, हैदराबाद.
-गेमलॉफ्ट, हैदराबाद.
-मोबाईल टू विन, मुम्बई.
गेम वर्ल्ड से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप नीचे दी गई साइट्स पर विजिट कर सकते हैं...
www.gdconf.com
www.igda.org
www.gamedev.net
www.gamespot.com
www.gamedaily.com
www.gdmag.com