'मेरे खिलाफ FIR का कोई आधार नहीं, रद्द हो..', स्वर्ण मंदिर में योग करने वाली अर्चना मकवाना की अपील
'मेरे खिलाफ FIR का कोई आधार नहीं, रद्द हो..', स्वर्ण मंदिर में योग करने वाली अर्चना मकवाना की अपील
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अमृतसर: हाल ही में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) द्वारा इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर और फैशन डिजाइनर अर्चना मकवाना के खिलाफ स्वर्ण मंदिर परिसर में योग करने के लिए FIR दर्ज करने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया। घटना के बाद मकवाना को बलात्कार और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। अब मकवाना ने SGPC से अपने खिलाफ दर्ज FIR वापस लेने की अपील की है। उन्होंने आगे कहा कि अगर SGPC एफआईआर वापस नहीं लेती है तो वह कानूनी लड़ाई के लिए तैयार हैं।

 

अर्चना मकवाना ने गुरुवार (27 जून) को इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में कहा कि जिस व्यक्ति ने उन्हें योग करते हुए देखा, वे इससे नाराज नहीं थे। उन्होंने आगे कहा कि उनकी तस्वीरें लेने वालों में से एक सिख भाई भी था। उल्लेखनीय है कि SGPC ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर श्री दरबार साहिब के प्राक्रम पर महिला को योग करने से न रोकने के लिए तीन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की है। मकवाना ने कहा कि, "जब मैं 21 जून को स्वर्ण मंदिर अमृतसर में शीर्षासन कर रही थी, तो 1000 सिख लोग मुझे देख रहे थे, किसी ने भी मुझे नहीं रोका और न ही इस पर कोई आपत्ति जताई। वास्तव में, जिस सज्जन ने मेरी तस्वीर ली, वे खुद एक सरदारजी थे, उन्हें यह अपमानजनक नहीं लगा, उन्होंने मुझे ऐसा करने से नहीं रोका, और जो लोग इसे लाइव देख रहे थे, वे भी इससे नाराज नहीं थे, फिर मैं सोच रही हूं कि यह गलत कैसे हो सकता है और इससे किसी की धार्मिक भावनाएं कैसे आहत हुई हैं?"

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि स्वर्ण मंदिर में आने वाले सभी लोगों को नियमों की जानकारी नहीं होती, ऐसे में SGPC कैसे उम्मीद कर सकती है कि पहली बार पंजाब आने वाली हिंदू लड़की को नियमों की जानकारी होगी, खासकर तब जब उस समय मौजूद लोगों में से किसी ने भी उसे रोका नहीं।  मकवाना ने यह भी कहा कि SGPC द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के कारण वह खुद को पीड़ित महसूस कर रही हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि उन्होंने मामले को शांतिपूर्वक सुलझाने की कोशिश की, लेकिन एसजीपीसी उनकी बात नहीं मान रही है।

दलित समुदाय से आने वाली मकवाना ने आगे कहा कि, "मुझे नहीं पता कि SGPC ट्रस्ट का क्या सोचना है, लेकिन मैं खुद को पीड़ित महसूस करती हूँ। मेरे खिलाफ़ दर्ज FIR को रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि एफआईआर का कोई आधार नहीं है, यह सिर्फ़ इसलिए है क्योंकि एसजीपीसी कमेटी ने पुलिस को सही तथ्य नहीं बताए इसलिए उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया। मैंने इस मुद्दे को शांतिपूर्वक सुलझाने की कोशिश की लेकिन वे इसे समझते नहीं दिखते, यह मेरे व्यवसाय को प्रभावित कर रहा है और मैं इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करूँगी।" 

अर्चना मकवाना ने उनका समर्थन करने वालों से एसजीपीसी की कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाने और उनके खिलाफ एफआईआर रद्द करने की मांग करने का भी आग्रह किया। इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर ने कहा कि, "जो कोई भी मुझसे सहमत है और मेरा समर्थन करना चाहता है, कृपया उनके खिलाफ आवाज उठाएं और पंजाब पुलिस को पत्र लिखकर एफआईआर रद्द करने की मांग करें।" यह कदम तब उठाया गया जब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने  अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के नाम से मशहूर श्री दरबार साहिब परिसर के अंदर योग करने के लिए अर्चना मकवाना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। 

 

बता दें कि, 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर श्री दरबार साहिब प्राक्रम में योग करने वाली इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आने के बाद यह कदम उठाया गया। इसके अलावा, एसजीपीसी ने प्राक्रम के तीन कर्मचारियों के खिलाफ भी कथित तौर पर अपने कर्तव्यों का पालन न करने के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया। स्वर्ण मंदिर परिसर में शीर्षासन करते हुए उनकी तस्वीरें ऑनलाइन वायरल होने के बाद, वडोदरा की इस प्रभावशाली महिला को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बलात्कार और मौत की अनगिनत धमकियाँ मिलीं। धमकियों के बीच, वडोदरा पुलिस ने मकवाना को सुरक्षा प्रदान की ।

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