'शिंदे-फडणवीस के इस्तीफे मांगने की कोई जरूरत नहीं..', उद्धव ठाकरे से अलग सहयोगी अजित पवार का बयान

'शिंदे-फडणवीस के इस्तीफे मांगने की कोई जरूरत नहीं..', उद्धव ठाकरे से अलग सहयोगी अजित पवार का बयान
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मुंबई: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे के सीएम बनने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। दरअसल, उद्धव को उम्मीद थी कि, सुप्रीम कोर्ट उनकी महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार को बहाल कर देगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसके बाद से उद्धव लगातार सीएम शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का इस्तीफा मांग रहे हैं। इसके लिए उद्धव नैतिकता तक का हवाला दे रहे हैं, और कह रहे हैं कि, दोनों नेताओं को नैतिकता के नाम पर ही इस्तीफा दे देना चाहिए। लेकिन, लगता है कि, कांग्रेस-NCP से गठबंधन होने के बावजूद उद्धव इस लड़ाई में अकेले पड़ गए हैं। अब NCP के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने भी उद्धव ठाकरे से किनारा कर लिया है।  

रिपोर्ट के अनुसार, उद्धव की सहयोगी पार्टी NCP के दिग्गज नेता अजित पवार ने आज शुक्रवार (12 मई) को कहा कि सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से इस्तीफा मांगने की कोई आवश्यकता नहीं है। उद्धव ठाकरे की तरफ से दोनों नेताओं का इस्तीफा मांगे जाने के सवाल पर अजित पवार ने यह जवाब दिया। बता दें कि, सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से पहले भी अजित पवार ने उद्धव और संजय राउत के बयानों से उलट जाते हुए कहा था कि एकनाथ शिंदे सरकार को कोई भी खतरा नहीं है। वहीं, अब इस बीच उद्धव ठाकरे का भी बयान सामने आया है। पूर्व सीएम ने कहा है कि अब विधानसभा स्पीकर को एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों की अयोग्यता पर फ़ौरन फैसला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि स्पीकर राहुल नार्वेकर निष्पक्ष होकर फैसला करेंगे। 

दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार (11 मई) को जो फैसला सुनाया था, उसमें एकनाथ शिंदे सरकार और उद्धव ठाकरे दोनों के लिए ही खुश होने के कारण थे। एक तरफ सर्वोच्च न्यायालय ने उद्धव ठाकरे के इस्तीफे को गलती बताते हुए कहा था कि उन्होंने खुद ही पद छोड़ा, इसलिए उनकी सरकार बहाल नहीं की जा सकती। इस प्रकार शिंदे सरकार को कानूनी संजीवनी मिल गई। वहीं, शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि पार्टी की आंतरिक कलह के मामले में राजयपाल को विश्वास मत प्रस्ताव नहीं लाना चाहिए। ऐसा करना अनुचित था। राज्यपाल के फैसले पर शीर्ष अदालत की इस टिप्पणी को ही उद्धव ठाकरे खेमा अपनी जीत बता रहा है।

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