दौसा: राजस्थान के दौसा में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपने पिता राजेश पायलट को श्रद्धांजलि दी। जैसा की कुछ मीडिया रिपोर्ट में अनुमान लगाए जा रहे थे कि सचिन पायलट आज अपनी नई पार्टी या फिर कोई अन्य बड़ी घोषणा कर सकते हैं मगर वैसा कुछ घोषणा उन्होंने नहीं की। दौसा में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने अधिकतर केंद्र सरकार और भाजपा पर ही हमला बोला।
हालांकि, बिना नाम लिये उन्होंने सचिन पायलट ने कहा, 'केंद्र की सरकार कहती है कि निर्धनों की सहायता करने से आर्थिक दिवालियापन होगा तथा मैं जिन नौजवानों के साथ धोखा हुआ उनकी सहायता करने के लिए कहता हूं तो कहते हैं कि मानसिक दिवालियापन हो जाएगा. मगर सच्चे मन से मदद करने के लिए हमारा दिल बड़ा होना चाहिए' तत्पश्चात, सचिन पायलट ने कहा कि मुझे भी राजनीति में 20-22 साल हो गए। मैंने हमेशा हर मोर्चे पर नौजवानों के हितों की रक्षा करने की बात कही है। विपरीत हालत में भी सच बोलना चाहिए। अपने पिता को याद करते हुए कांग्रेस के दिग्गज युवा नेता ने कहा कि मेरे पिता ने कभी समझौता नहीं किया है। राजेश पायलट ने मजबूती से राजनीति की थी। सचिन पायलट ने भ्रष्टाचार के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीति में करप्शन की कोई जगह नहीं है। राजनीति में बहुत लोग आते हैं।
आगे सचिन पायलट ने कहा कि हम किसी पद पर हो या ना हो हम स्वच्छ राजनीति चाहते हैं। मैंने हमेशा युवाओं के दिल की बात कही है। मैं अपने वादे से पीछे नहीं हटूंगा। कोटा जिले में बच्चों की मौत का जिक्र करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि कोटा में सैकेड़ों बच्चों की मौत हो गई। हमारे प्रदेश में यदि कोई कमी है तो बजाए इसके कि हम औरों को दोष दें हमें खुद ही उसको ठीक करना चाहिए। मैंने जो मांग रखी थी वो किसी की बुराई करने या किसी को नीचा दिखाने के लिए मांग नहीं रखी। मुझे लगा कि कोटा के हालात को सुधरना चाहिए। तत्पश्चात, आज कोटा में एक शानदार चिकित्सालय बन गया। फिर सचिन पायलट ने बिना नाम लिये सीएम अशोक गहलोत पर भी इशारों-इशारों में निशाना साधा है। सचिन पायलट ने कहा कि किसी ने इस बात को बहुत बखूबी कहा है कि हर गलती सजा मांगती है और हम आपस में कैसे भी संबंध रखे मगर आज नहीं तो कल वो नीली छतरी वाला अवश्य इन्साफ करेगा। सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे सरकार के वक्त खदान के आवंटन पर सवाल उठाए। सचिन पायलट ने कहा कि मैंने हमारी पूर्व मुख्यमंत्री जी थी उनका विरोध वर्षों भर किया। आज मैं यह कहता हूं कि आपने खान आवंटित कर दी तथा जब चोरी पकड़ी गई तो रद्द कर दिया। मगर आवंटन तो की था को उसका तो लेखा-जोखा देना पड़ेगा।
वही कुछ वक़्त पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में पेपर लीक पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग पर पायलट का नाम लिये बिना कहा था कि मुआवजे की मांग करने वालों की बुद्धि का दिवालियापन हो गया है। कहा जा रहा है कि इसी पर तंज कसते हुए पायलट ने कहा, ' मैं जिन नौजवानों के साथ धोखा हुआ उनकी सहायता करने के लिए बोलता हूं तो कहते हैं कि मानसिक दिवालिया हो जाएगा लेकिन सच्चे मन से सहायता करने के लिए हमारा दिल बड़ा होना चाहिए।' फिर सचिन पायलट ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि मैं तो बोलता हूं कि किसी ने इस बात को बहुत बखूबी कहा है कि हर गलती सजा मांगती है तथा हम आपस में कैसे भी संबंध रखे मगर आज नहीं तो कल वो नीली छतरी वाला अवश्य इन्साफ करेगा।
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