नई दिल्ली: विपक्षी दलों के सदस्यों ने गुरुवार (10 अगस्त) को उस समय वॉकआउट कर दिया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का जवाब दे रहे थे। जैसे ही प्रधान मंत्री कई मुद्दों पर विपक्ष को घेर रहे थे, (I.N.D.I.A) ब्लॉक के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया, जिससे वस्तुतः विपक्ष की बेंचें खाली रह गईं। हालाँकि, ये भी गौर करने वाली बात है कि, 21 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के समय से ही विपक्ष लगातार, पीएम मोदी के बोलने की मांग करते हुए सदन में हंगामा कर रहा था, जिससे सदन की कार्रवाई लगातार बाधित हो रही थी। वहीं, जब पीएम मोदी ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देना शुरू किया, तो विपक्ष सदन से ही उठकर बाहर चला गया।
As soon as PM @narendramodi ji started speech on #ManipurViolence opposition walked out. That’s who they are!
— Tathvam-asi (@ssaratht) August 10, 2023
Scream when he’s not there
Scream when he speak
Walkout when he speaks on the issue they demanded.
Only they can talk but no patience to listen.pic.twitter.com/9mJEQqQQWR
रिपोर्ट के अनुसार, अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि यह भगवान का आशीर्वाद है कि विपक्ष उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है और 2024 में NDA और भाजपा पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए शानदार जीत के साथ वापस आएगी। पीएम मोदी ने कहा कि लोगों ने बार-बार सरकार पर भरोसा दिखाया है। उन्होंने कहा कि, "देश के लोगों ने हमारी सरकार पर बार-बार भरोसा दिखाया है। मैं देश के करोड़ों लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त करने के लिए यहां हूं।" प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि विपक्षी दल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018 में भी उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए थे।
पीएम मोदी ने कहा कि, 'भगवान बहुत दयालु हैं और किसी माध्यम से बोलते हैं, मेरा मानना है कि यह भगवान का आशीर्वाद है कि विपक्ष यह प्रस्ताव लाया है। मैंने 2018 में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कहा था कि यह हमारे लिए शक्ति परीक्षण (Floor Test) नहीं था, बल्कि एक शक्ति परीक्षण था। उनके लिए शक्ति परीक्षण किया गया और परिणामस्वरूप वे चुनाव हार गए।" पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने विपक्षी दलों से कहा था कि यह उनका शक्ति परीक्षण था और वे 2018 के अविश्वास प्रस्ताव के बराबर वोट भी नहीं जुटा सके। पीएम मोदी ने आगे कहा कि "एक तरह से, विपक्ष का अविश्वास हमारे लिए हमेशा भाग्यशाली रहा है। आज, मैं देख सकता हूं कि आपने (विपक्ष) ने फैसला किया है कि एनडीए और भाजपा 2024 के चुनावों में लोगों के आशीर्वाद से शानदार जीत के साथ वापस आएंगे, पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ देंगे।''
पीएम मोदी ने मणिपुर पर बात करते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी पूर्वोत्तर की भावनाओं को समझने का प्रयास नहीं किया। मैंने (पूर्वोत्तर) का 50 बार दौरा किया है, हमारे मंत्री वहां 400 बार गए हैं। यह केवल एक डेटा नहीं है, बल्कि यह पूर्वोत्तर के प्रति समर्पण है। जब सब कुछ उग्रवादी संगठनों की इच्छा के अनुसार होता था, तब मणिपुर में किसकी सरकार थी? मणिपुर में किसकी सरकार थी, जब सरकारी दफ्तरों में महात्मा गांधी की तस्वीर लगाने इजाजत नहीं दी गई थी, मणिपुर में किसकी सरकार थी जब स्कूलों में राष्ट्रगान की अनुमति नहीं देने का फैसला लिया गया था? विपक्ष राजनीति से आगे नहीं सोच सकता।
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस का शासन पूर्वोत्तर की सभी समस्याओं का मूल है। पूर्व पीएम नेहरू ने सुनिश्चित किया कि पूर्वोत्तर राज्यों में कोई विकास न हो। लेकिन, हमारे लिए पूर्वोत्तर जिगर का टुकड़ा है। मणिपुर के लिए विपक्ष की पीड़ा और संवेदना सेलेक्टिव है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास देश तोड़ने वाला रहा है। कांग्रेस ने मिजोरम में इंडियन एयरफोर्स से हमला करवाया, अकाल तख्त पर भी हमला करवाया। इंदिरा गांधी के शासन में हमला किया गया। कांग्रेस ने नॉर्थईस्ट का विश्वास तोड़ा है।
पीएम मोदी ने कहा कि हम मणिपुर पर मिलकर समाधान निकालेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को क्या हो गया है। भारत माता की मृत्यु की कामना करते हैं, बात करते हैं। ये वही लोग हैं जो लोकतंत्र की हत्या की बात करते हैं। विपक्षी दल, भारत माता की हत्या की बात कैसे कर सकते हैं, जब उन्होंने ही भारत माता के तीन टुकड़े किए थे। मणिपुर पर पीएम मोदी ने कहा कि अमित शाह ने कल सदन में मणिपुर पर विस्तार से जानकारी दी। लेकिन, विपक्ष मणिपुर पर चर्चा से भाग रहा है। हमने चर्चा की बात कही। जल्दी ही मणिपुर में शांति का सूरज उगेगा। देश मणिपुर के लोगों, बहन-बेटियों के साथ है। मणिपुर में कोर्ट का फैसला आया, अब उसके पक्ष-विपक्ष में जो परिस्थितियां बनीं उसमें हिंसा का सिलसिला शुरू हुआ। महिलाओं के साथ गंभीर अपराध हुए और यह अपराध अक्षम्य है और दोषियों को सख्त से सख्त सज़ा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कोशिश कर रही है।
हालाँकि, पीएम मोदी के भाषण के बीच विपक्षी सांसदों लगातार नारेबाजी कर रहे थे और आख़िरकार उन्होंने सदन से वॉकआउट कर दिया।
विपक्षी सांसदों के वॉकआउट करने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन लोगों का यही काम है, अपशब्द बोलो और भाग जाओ। असत्य बोलो और भाग जाओ, विपक्ष में सुनने का धैर्य नहीं है। गौर करने वाली बात ये है कि, पीएम मोदी ने जब मणिपुर पर बोलना शुरू किया, उससे पहले ही विपक्ष, सदन से वॉकआउट कर चुका था।
पीएम मोदी ने कहा कि, मैं 140 करोड़ देशवासियों के सपनों को अपनी आंखों में रखकर चल रहा हूं। सदन के साथियों से निवेदन है देश में मणिपुर से भी गंभीर समस्याएं आईं, मगर मिलकर रास्ते निकाले। मिलकर चलें, मणिपुर को भरोसा देकर चलें, राजनीति के लिए मणिपुर का दुरुपयोग ना करें, दर्द की दवा बनकर कार्य करें। हमारी ओर से तो समृद्ध चर्चा हुई। ये प्रस्ताव देश से विश्वासघात का प्रस्ताव है। बता दें कि, अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में गुरुवार को गर्मागर्म बहस हुई। आखिर में मतदान हुआ, जिसमे विपक्षी गठबंधन का अविश्वास प्रस्ताव गिर गया और इसमें मोदी सरकार की जीत हुई।
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