मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को आज गहरा सदमा लग चुका है. दिग्गज मलयालम अभिनेता जी के पिल्लई का 97 वर्ष की आयु में देहांत हो गया. वो उम्र से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे थे. जी के पिल्लई का मलयालम मूवी में एक बड़ा और सम्मानित नाम रह चुके है. उन्होंने कई मूवी में अपने अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन किया और अपने प्रतिभा से दुनियाभर में मलयालम सिनेमा को पहचान दिलवाई थी. जी के ने ज्यादातर मूवी में खलनायक की भूमिका निभाई थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिल्लई, सिनेमा में आने से पहले 13 वर्ष सेना में कार्यरत रह चुके है. जब वो अपने कार्यकाल के उपरांत भारतीय सेना और नौसेना से सेवानिवृत्त होकर लौटे तब उन्होंने मूवी और टेलीविजन (Cinema & Television) में करियर की शुरुआत किए थे. पिल्लई ने मलयालम सिनेमा में विलेन की भूमिकाओं के लिए पहचाने जाते हैं. उन्होंने तकरीबन 300 मूवीज में खलनायक की भूमिका भी अदा की है. इसके साथ-साथ उन्होंने राज्य के ट्रेडिशनल गाथा गीतों पर आधारित नाटकों में बेहतरीन प्रदर्शन भी किया.
खलनायक की भूमिकाओं ने दिलाई उन्हें बड़ी पहचान: तिरुवनंतपुरम के वर्कला में जन्में पिल्लई ने 1954 में मूवी ‘स्नेहसीमा’ (Snehaseema) में कार्य करके मलयालम मूवीज में शुरुआत की. इस मूवी का निर्देशन SS राजन ने किया था. उन्हें उनकी खलनायक वाली भूमिकाओं के लिए ही अधिक पहचाना जाता है. GK पिल्लई 1980 के दशक में मलयालम सिनेमा बहुत सक्रीय रहते थे. जिसके उपरांत 1990 आते-आते वो अचानक से गायब हो चुके है. फिर वो सन 2000 के उपरांत अपने अभिनय की दूसरी पारी की शुरुआत करने के लिए वापस आ गए थे. उनकी लोकप्रिय फिल्मों की बात कि जाए तो उन्होंने ‘अश्वमेधम’, ‘अरोमालुन्नी’, ‘चोला’, ‘अन्नकलारी’ और ‘कार्यस्थान’ में कार्य करके सबके पसंदीदा बन गए.
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