इंडियन वुमन हॉकी टीम की पूर्व कप्तान एल्वेरा ब्रिटो का मंगलवार को यहां बढ़ती आयु से जुड़ी समस्याओं की वजह से देहांत हो गया है। वह 81 साल की थी। तीन लोकप्रिय ब्रिटो बहनों (रीता और मेइ दो अन्य बहनें) में सबसे बड़ी एल्वेरा का 1960 से 1967 तक घरेलू प्रतियोगिताओं में दबदबा देखने के लिए मिला और उनकी मौजूदगी वाली कर्नाटक की टीम ने इस बीच 7 राष्ट्रीय खिताब भी जाट गए थे। एल्वेरा ने आस्ट्रेलिया, श्रीलंका और जापान के विरुद्ध इंडिया का प्रतिनिधित्व भी किया।
अल्वेरा 1965 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित होने वाली सिर्फ दूसरी वुमन हॉकी खिलाड़ी बन गई थी । उनसे पहले एने लुम्सडेन (1961) को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। एल्वेरा ने भी अपनी बहनों की तरह विवाह नहीं किया। हॉकी इंडिया ने एल्वेरा के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोमबम ने बयान में बोला है- एल्वेरा ब्रिटो के निधन के बारे में जानकर दुख को झेलना पड़ा है। वह अपने वक़्त की खिलाडिय़ों से आगे थी और महिला हॉकी में उन्होंने इतना कुछ प्राप्त किया तथा राज्य में प्रशासक के रूप में खेल की सेवा करना जारी रखा। उन्होंने बोला है कि हॉकी इंडिया और पूरे हॉकी समुदाय की ओर से हम उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।
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