'गरिमा को ठेस पहुँचाने का नहीं था कोई इरादा', IMA ने सुप्रीम कोर्ट से माँगी माफी

'गरिमा को ठेस पहुँचाने का नहीं था कोई इरादा', IMA ने सुप्रीम कोर्ट से माँगी माफी
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नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष डॉ. आर. वी. अशोकन ने सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ अपने बयान को लेकर सार्वजनिक रूप से माफी माँगी है। यह बयान सर्वोच्च न्यायालय की एक टिप्पणी से संबंधित एक इंटरव्यू में दिया गया था। बृहस्पतिवार, 04 जुलाई 2024 को डॉ. अशोकन ने अपनी टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त किया। इस सिलसिले में IMA ने एक प्रेस नोट भी जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि डॉ. अशोकन का सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा को कम करने का कोई इरादा नहीं था। IMA  भी उस मामले में पक्षकार था, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने टिप्पणी की थी।

डॉक्टरों के संगठन की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, IMA के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आर. वी. अशोकन ने सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी के संबंध में प्रेस को दिए अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी माँगी है। डॉ. अशोकन ने 23 अप्रैल के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि IMA भी कदाचार के मुद्दों के बारे में चिंतित है। सर्वोच्च न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के भ्रामक विज्ञापनों से जुड़े मामले की सुनवाई के चलते कहा था कि IMA को भी अपने संगठन में सुधार करने की आवश्यकता है। सर्वोच्च न्यायालय में दायर हलफनामे में भी डॉ. अशोकन ने अपने बयान के लिए बिना शर्त माफी माँगी थी।

डॉ. अशोकन ने कहा कि IMA ने आधुनिक चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ कुछ व्यक्तियों तथा संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे भ्रामक विज्ञापन और दुर्भावनापूर्ण अभियानों के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि एक इंटरव्यू के चलते दिए गए बयानों के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के सामने खेद व्यक्त किया है और बिना शर्त माफी माँगने के लिए कोर्ट में हलफनामा भी जमा किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सर्वोच्च न्यायालय के महत्व या गरिमा को कम करने का उनका कोई इरादा नहीं था।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि एसोसिएशन के सदस्यों के अनैतिक कृत्यों के बारे में कई शिकायतें हैं, जो मरीजों के भरोसे को तोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि सदस्य महँगी दवाएँ लिख रहे हैं तथा अनावश्यक जाँच की सिफारिश कर रहे हैं। डॉ. अशोकन ने कहा कि नैतिक प्रथाओं का निरंतर अपडेट और प्रसार IMA की मुख्य गतिविधियों में से एक है। सर्वोच्च न्यायालय ने IMA  को फटकार लगाते हुए इस विषय पर सार्वजनिक माफी माँगने को कहा था। तत्पश्चात, यह माफी सामने आई है।

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