लखनऊ: देश के सबसे बड़े राज्य, उत्तर प्रदेश में बिजली दरों के स्लैब का ढांचा परिवर्तित की तैयारी की जा रही है. मौजूदा वक़्त में सभी श्रेणियों के टोटल 80 स्लैब हैं. इसे 40-50 करने पर विचार किया जा रहा है. इससे परोक्ष तौर पर उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ बढ़ सकता है. हालांकि सरकार शिक्षण संस्थाओं और रामलीला, दुर्गापूजा, कांवड यात्रा, देवी जागरण जैसे धार्मिक समारोह को सस्ती बिजली देने जा रही है.
सरकार के आदेश के पश्चात्, पावर कॉर्पोरेशन इस कवायद में जुटा हुआ है. जल्द नए स्लैब का ढांचा तैयार करके सहमति के लिए स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन को भेजा जाएगा. यदि आयोग कॉर्पोरेशन के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है, तो 2020-21 के टैरिफ ऑर्डर में इसकी घोषणा हो सकती है. हालांकि कमीशन एनुअल रेवेन्यू आवश्यकता व बिजली दरों के निर्धारण की प्रक्रिया आरम्भ कर चुका है.
सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार ने राज्य में स्लैब कम करने का सुझाव दिया है. इस पर ही स्लैब में कमी करके दरों के मौजूदा ढांचे का सरलीकरण करने की कवायद चल रही है. वही घरेलू श्रेणी में लाइफ लाइन (गरीबी की रेखा के नीचे) उपभोक्ताओं को छोड़कर इस वक़्त दरों के चार स्लैब है. अब इन्हें दो करने की तैयारी है. एक स्लैब 200 यूनिट तथा दूसरा 200 से अधिक खपत का बनाने का प्रस्ताव है. 200 यूनिट से अधिक उपयोग करने वालों की एक ही दर रखने पर विचार चल रहा है. इसी प्रकार कामर्शियल, कृषि, औद्योगिक व अन्य श्रेणियों के स्लैब भी कम किए जाएंगे. इसी के इस बार बिजली दरों में काफी परिवर्तन किया जाएगा.
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