नई दिल्ली: बिहार में जाति आधारित गणना पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई करने से साफ़ इनकार कर दिया है। नीतीश सरकार को फिलहाल अदालत से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को पटना उच्च न्यायालय में जाने के लिए कहा है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को जाति गणना के खिलाफ दाखिल सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।
बता दें कि, बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में जाति आधारित गणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर विभिन्न याचिकाएं दाखिल की गईं। हिंदु सेना ने अपनी याचिका में आरोप लगाए कि जातिगत गणना के माध्यम से नीतीश सरकार समाज को बांटने का काम कर रही है। वहीं, नालंदा के सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश कुमार ने अपनी याचिका में इसे असंवैधानिक बताया है। उनका कहना है कि नीतीश सरकार का जातिगत गणना कराने की अधिसूचना संविधान के विरुद्ध है, क्योंकि जनगणना कराने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है।
बता दें कि, बिहार में जातिगत गणना का प्रथम चरण 7 जनवरी को आरंभ हुआ था, जो शनिवार को समाप्त हो जाएगा। पहले चरण में मकानों की गिनती की जा रही है। इसके बाद एक अप्रैल से दूसरा चरण होगा, जिसमें लोगों की जाति सहित अन्य आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे।
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