मृत्यु संसार का अटल सत्य है.जो इस दुनिया में आया है , उसकी मृत्यु निश्चित है. हिन्दू धर्म में किसी की मृत्यु होने पर उसकी शव यात्रा निकाली जाती है. शवयात्रा को लेकर हमारे देश में कई मान्यताएं हैं . काशी में शव यात्रा निकलने पर शव को स्पर्श किया जाना शुभ माना जाता है .यदि किसी की शवयात्रा दिखाई दे जाए तो यह चार काम अवश्य करना चाहिए.
पहला :यदि कोई व्यक्ति किसी की अंतिम यात्रा में शामिल होकर शव को कंधा देता है, तो उसके पुण्य में वृद्धि होती है. इस पुण्य के असर से पुराने पाप नष्ट होते हैं. इसी मान्यता के कारण अधिकांश लोग शवयात्रा में शामिल होकर शव को कंधा जरूर देते हैं, ताकि अपने पापों में कमी कर सके .
दूसरा : किसी अपरिचित व्यक्ति की शव यात्रा में प्रायः हर कोई व्यक्ति शामिल नहीं होते हैं , लेकिन जब भी शवयात्रा दिखे, तो रुक कर पहले शवयात्रा को निकलने देना चाहिए. भगवान से मृतक की आत्मा को शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए. आपके इस प्रयास से ईश्वर भी खुश होते हैं.
तीसरा : जब किसी की शव यात्रा दिखे तो राम नाम का जाप करना चाहिए. श्रीरामचरित मानस के अनुसार राम नाम के जाप से शिवजी अति प्रसन्न होते हैं. शिवपुराण के अनुसार मृत्यु के बाद आत्मा परमात्मा यानी शिवजी में ही विलीन हो जाती है, इसलिए शवयात्रा दिखने पर राम नाम का जाप करने से शिवजी की कृपा मिलती है.
चौथा : जब भी कहीं शवयात्रा दिखाई दे तो मौन हो जाना चाहिए. यदि हम किसी वाहन पर सवार हैं, तो ऐसे समय पर हॉर्न भी नहीं बजाना चाहिए. ये काम मृत व्यक्ति के प्रति आदर और सम्मान की भावना तो प्रकट करता ही है, साथ ही आपकी सज्जनता भी दिखाई देती है .
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