माता रानी के नाम पर रखे गए हैं इन 5 शहरों के नाम

माता रानी के नाम पर रखे गए हैं इन 5 शहरों के नाम
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वैदिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर 2024 से शुरू हो रही है, जिसमें घटस्थापना के साथ नवरात्रि का शुभारंभ होगा। नवरात्रि का यह पर्व देवी दुर्गा की पूजा और उपासना के लिए समर्पित होता है, जो हिंदू धर्म में शक्ति, साहस और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती हैं। इन नौ दिनों तक भक्त मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए विशेष अनुष्ठान और उपवास रखते हैं। यह माना जाता है कि यदि माता रानी अपने भक्तों से प्रसन्न होती हैं, तो उन्हें जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

शक्तिपीठ और देवी के नाम पर बसे प्रमुख शहर
भारत में मां दुर्गा की पूजा का एक गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। देवी के 51 शक्तिपीठ हिंदू धर्म में अत्यंत पूजनीय हैं, और प्रत्येक शक्तिपीठ का अपना एक विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां सती के शरीर के विभिन्न अंग जब धरती पर गिरे, तो उन स्थानों पर शक्तिपीठों की स्थापना हुई। इन शक्तिपीठों के साथ-साथ देवी के नाम पर कई शहरों के नाम भी रखे गए हैं, जिनका देवी से गहरा संबंध है। आइए, जानते हैं कुछ प्रमुख शहरों के बारे में, जिनका नाम देवी के नाम पर रखा गया है:

नैनीताल – मां नैना देवी
उत्तराखंड के नैनीताल का नाम देवी नैना देवी के नाम पर रखा गया है। नैनीताल उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है, जो अपनी झीलों, हरे-भरे पहाड़ों और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। यहां नैना देवी का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं। यह मंदिर नैनी झील के पास स्थित है, और इस पवित्र स्थान पर मां नैना देवी की पूजा होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां नैना देवी साक्षात् शक्ति स्वरूपा हैं, और इस स्थान पर उनकी आराधना से भक्तों को शांति और मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। नैनीताल न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है।

श्रीनगर – मां शारिका देवी और लक्ष्मी देवी
कश्मीर का खूबसूरत शहर श्रीनगर, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, का नाम देवी दुर्गा के नाम पर रखा गया है। यहां शारिका देवी का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है, जिसे श्रीनगर के सबसे पुराने धार्मिक स्थलों में गिना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, यह मंदिर देवी लक्ष्मी का निवास स्थान है, और इसलिए इसे मां लक्ष्मी का घर भी कहा जाता है। मां शारिका देवी की पूजा करने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। श्रीनगर न केवल ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी प्राकृतिक सुंदरता भी इसे एक विशेष स्थान बनाती है।

त्रिपुरा – मां त्रिपुरा सुंदरी
पूर्वोत्तर भारत का प्रमुख राज्य त्रिपुरा भी देवी से गहरा संबंध रखता है। इस राज्य का नाम माता त्रिपुरा सुंदरी के नाम पर रखा गया है। त्रिपुरा सुंदरी को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, और यहां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर स्थित है। यह मंदिर विशेष रूप से तंत्र साधना और शक्ति पूजा के लिए प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर पूजा करने से जीवन में शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व इसे देशभर के श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बनाता है।

मुंबई – मां मुंबा देवी
भारत का व्यावसायिक और आर्थिक केंद्र मुंबई भी देवी के नाम से जुड़ा हुआ है। मुंबई का नाम मां मुंबा देवी के नाम पर रखा गया है, जो इस शहर की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। यहां जवेरी बाजार में मुंबा देवी का प्राचीन मंदिर स्थित है, जहां लोग माता के दर्शन के लिए आते हैं। मां मुंबा देवी को समर्पित इस मंदिर में श्रद्धालु अपने कष्टों और दुखों का निवारण पाने की आशा से आते हैं। मुंबई को "सपनों की नगरी" भी कहा जाता है, और यहां मुंबा देवी की पूजा करना जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त करने का प्रतीक माना जाता है।

पटना – मां पटन देवी
बिहार की राजधानी पटना का नाम भी एक शक्तिपीठ के नाम पर रखा गया है। पटना में स्थित पटन देवी मंदिर देवी सती से संबंधित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां देवी सती की दाहिनी जांघ गिरी थी, और इसी स्थान पर शक्तिपीठ की स्थापना हुई। पटन देवी मंदिर को बिहार का सबसे प्रमुख और पवित्र धार्मिक स्थल माना जाता है। यहां हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं और माता की आराधना करते हैं। कहा जाता है कि इस स्थान पर की गई पूजा से भक्तों को विशेष आशीर्वाद और सिद्धि की प्राप्ति होती है।

भारत में देवी और उनके शक्तिपीठों का धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व अटूट है। नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की पूजा और उनके नाम से जुड़े इन स्थानों की यात्रा करना धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इन शहरों के नाम देवी के नाम पर रखे जाने से इनका महत्व और भी बढ़ जाता है, और यह स्थान देवी की शक्ति, आस्था और समृद्धि का प्रतीक बनकर उभरते हैं।

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