शनि का जन्मकुंडली में आना किसी भी व्यक्ति के जन्म पर निर्भर करता है. व्यक्ति का किस नक्षत्र, ग्रहदशा और दिन में जन्म हुआ है, उसके अनुरूप ही शनि दोष होता है. जिसका समाधान ज्योतिष शास्त्र में मौजूद है.
शनि शांति के लिए नीचे दिए गए उपाय शनिवार से ही शुरू करें...
1-जन्म पत्रिका में यदि शनि चतुर्थ स्थान पर हो तो रात में दूध न पीएं.
2-शनिवार को भैरों बाबा व शनिदेव के साथ हनुमानजी की भी पूजा करें.
3-यदि शनि जन्म कुंडली के सातवें स्थान पर हों तो शराब पीना छोड़ दें.
4-शनिवार को सुंदरकाण्ड का पाठ करें.
5-किसी ज्ञानी ज्योतिषी से शनि की पाताल साधना करवाने से आपको जीवन भर शनि प्रकोप से मुक्ति मिल सकती है.
6-काले कपड़े में आठ सौ ग्राम लकड़ी के कोयले व एक नारियल रखकर जल में प्रवाहित करें. ऐसा आठ शनिवार तक करें.
शनि दोष को शांत करने के लिए करे रुद्राक्ष का प्रयोग