क्रिकेट नियमों में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने थोड़ा बहुत परिवर्तन कर एक बार फिर से लागू कर दिया है। कोरोना की वजह से दो वर्ष पहले क्रिकेट में बॉल को चमकाने के लिए लार के उपयोग को अस्थायी तौर पर प्रतिबंधित किया था। अब इसे स्थायी कर दिया गया है। सौरव गांगुली के नेतृत्व में पुरुष क्रिकेट कमेटी ने मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) के बनाए नियमों पर महिला क्रिकेट समिति के साथ बातचीत कर नियमों में कुछ परिवर्तन किया तथा नए सिरे से लागू किया है। नए नियम एक अक्टूबर से लागू होंगे।
* कैच आउट नियम- जब कोई बल्लेबाज कैच आउट होगा, तो नया बल्लेबाज स्ट्राइक पर ही खेलने आएगा। हारने वाले बल्लेबाज का क्रीज बदलने या नहीं बदलने से इस पर कोई प्रभाव नहीं होगा। जबकि पहले नियम में था कि अगर बल्लेबाज कैच आउट होने से पहले स्ट्राइक चेंज करता है, तो नया बल्लेबाज नॉन स्ट्राइक पर आता था।
* लार का उपयोग- कोरोना महामारी की वजह से 2020 के आरम्भ से ही क्रिकेट पर असर पड़ना आरम्भ हो गया था। तत्पश्चात, लॉकडाउन के साथ ही क्रिकेट को भी पूरी दुनिया में बंद कर दिया गया था। फिर खेल को दोबारा आरम्भ करने के लिए कुछ नए नियम बनाए थे। तब लार के उपयोग को अस्थायी तौर पर बैन कर दिया था। लेकिन अब क्रिकेट कमेटी ने इस नियम पर भी विचार किया तथा इसे स्थायी कर दिया। यानी अब क्रिकेट में लार का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित ही रहेगा। यह नियम अब स्थायी हो जाएगा।
* नए बैटर के लिए स्ट्राइक लेने का टाइम- किसी खिलाड़ी के हारने के बाद जब नया बैटर स्ट्राइक पर आता है, तो उसे टेस्ट और वनडे में 2 मिनट के भीतर स्ट्राइक पर आना होगा। जबकि टी20 इंटरनेशनल में यह वक़्त 90 सेकंड का निर्धारित किया गया है। इस नियम में बहुत विचार के पश्चात् थोड़ा परावर्तन किया गया है। पहले नए बल्लेबाज को 3 मिनट के भीतर स्ट्राइक पर आना था। लेकिन अब वक़्त थोड़ा कम कर दिया गया है। अगर नया बैटर टाइम पर नहीं आता है, तो फील्डिंग टीम का कप्तान टाउम आउट की अपील कर सकता है।
* स्ट्राइकर (बैटर) के बॉल खेलने का अधिकार- यह प्रतिबंधित है, क्योंकि खेलते वक़्त बल्ले या बैटर को पिच के भीतर ही होना चाहिए। अगर बैटर पिच से बाहर आकर खेलने को मजबूर होता है, तो अंपायर कॉल होगा कि वह उसे डेड बॉल करार दे। यदि कोई बॉल बैटर को पिच से बाहर आने पर विवश करती है, तो अंपायर इसे नोबॉल करार देगा।
* फील्डिंग टीम की ओर से गलत व्यवहार- अगर बॉलर गेंदबाजी के चलते (रनअप) कुछ अनुचित व्यवहार या जानबूझकर कुछ गलत मूवमेंट करता है, तो अंपायर इस पर एक्शन ले सकता है। जुर्माना लगाते हुए बैटिंग टीम के खाते में 5 रन भी जोड़ सकता है। साथ ही अंपायर इसे डेड बॉल भी करार देगा।
* नॉन-स्ट्राइकर का रनआउट होना- अगर कोई नॉन-स्ट्राइकर गेंदबाज के बॉल डालने से पहले क्रीज से बाहर निकलता है, तब गेंदबाज अगर उस बैटर को रनआउट करता है, तो इसे पहले 'अनफेयर प्ले' माना जाता था, किन्तु अब इसे रनआउट ही कहा जाएगा।
* डिलेवरी से पहले स्ट्राइकर की तरफ बॉल थ्रो- कोई गेंदबाज बॉल डालने के लिए रनअप लेता है तथा डिलेवरी स्ट्राइड में आने से पहले देखता है कि बैटर क्रीज से अधिक आगे आ गया है। तब बॉलर आउट करने के इरादे से स्ट्राइकर की तरफ बॉल थ्रो करता है, तो इसे डेड बॉल करार दिया जाएगा।
बता दें कि जब कोई फील्डिंग टीम समय पर निर्धारित ओवर समाप्त नहीं करती है, तो मैच के आखिर (डेथ ओवर्स) में उस टीम को बाउंड्री पर एक फील्डर कम रखने की सजा मिलती है। वह फील्डर सर्कल के भीतर लगता है। इसे ही इन-मैच पेनल्टी नियम कहते हैं।
VIDEO! होटल में दूसरी महिला संग रंगरलिया मना रहा था पति, अचानक पहुंच गई पत्नी और फिर...
नॉनवेज के लिए कलयुगी बाप ने कर डाली अपनी ही बेटी की हत्या, चौंकाने वाली है वजह
विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने जारी की प्रत्याशियों की पहली सूची