होड़ में आगे निकलने के लिए बदनाम हुईं ये कंपनियां

होड़ में आगे निकलने के लिए बदनाम हुईं ये कंपनियां
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धंधे को आगे बढ़ाने के लिए लोग कुछ भी कर जाते हैं और कॉपोरेट की दुनिया में कंपनियां अपना नाम बरकार रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं. कॉर्पोरेट में अपना नाम ऊपर लाने की कंपनियों के बीच बड़ी होड़ लगी रहती है. इसी होड़ में आगे निकलने के लिए आपराधिक गतिविधियों के कारण बदनाम हुई कुछ कंपनियां के नाम इस प्रकार हैं.

फोल्क्सवागेन

डीजल कार के प्रदूषण को कम दिखाने के लिए सॉफ्टवेयर लगाने वाली जर्मन कार कंपनी फोल्क्सवागेन का इतिहास भी विवादों से भरा है. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान कंपनी को मजबूरन हथियार बनाने पड़े लेकिन कंपनी ने यह बात छुपाई कि वह नाजी सरकार की मदद कर रही थी. कंपनी ने हिटलर के शासन के दौरान यातना शिविर बनाने में भी मदद की.

आईबीएम


हिटलर के सत्ता में आने के कुछ समय बाद 1933 में नाजी सरकार ने यहूदियों की छंटनी शुरू की. अमेरिकी कंपनी आईबीएम की जर्मन शाखा डेहोमाग ने नाजी सरकार की मदद की और पहचान व आंकड़े जमा करने वाले पहचान पत्र बनाए. आज के पंच कार्ड इसी तकनीक पर चलते हैं. इन पहचान पत्रों का इस्तेमाल यातना शिविरों में निगरानी रखने के लिए किया गया.


चिक्विटा

अमेरिका की इस फ्रूट कंपनी ने 1954 में ग्वाटेमाला में तख्तापलट कराया. अपने हित पूरे ना होते देख कंपनी ने राष्ट्रपति जोकोबो आर्बें गुजमन को सत्ता से हटवा दिया. गुजमन का कृषि सुधार कार्यक्रम देश में लोकप्रिय हो रहा था. अमेरिकी कंपनी को लगा कि इन सुधारों से उसका धंधा मंदा हो जाएगा. गुजमन को देश छोड़ना पड़ा, तख्तापलट के बाद ग्वाटेमाला में 40 साल तक गृहयुद्ध चला.

बायर

1970 के दशक से 1985 तक अमेरिका के दवा उद्योग में कई विवाद सामने आए. हीमोफिलिया के रोगियों को प्रोटीन फैक्टर-8 बेचा गया. बायर कंपनी की इस दवा में एचआईवी का विषाणु भी था. 10,000 लोग इसके शिकार हुए. हानिकारक साबित होने के बावजूद जर्मन कंपनी बायर की यह दवा आज भी कुछ देशों में बिकती है.

स्टारबक्स

कॉफी की चुस्की के साथ मुफ्त वाईफाई देने वाली अमेरिकी कंपनी स्टारबक्स और इथियोपिया सरकार के बीच 2006 में बड़ा विवाद हुआ. इथियोपिया सरकार तीन तरह की कॉफी का ट्रेडमार्क रजिस्टर करना चाहती थी, स्टारबक्स ने इसमें रोड़े अटकाये. कंपनी ने गलत प्रचार कर किसानों को अपनी ही सरकार के खिलाफ भड़काया.

कोका कोला

2014 में भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में कोका कोला की एक फैक्ट्री को बंद करने का आदेश दिया गया. शिकायत के मुताबिक कोका कोला बनाने के लिए कंपनी ने जमीन से इतना पानी निकाला कि भूजल का स्तर बहुत ही नीचे चला गया. दूसरे देशों में भी कोका कोला पर ऐसे आरोप लगते रहे हैं.

मॉन्सैंटो


यह अमेरिकी बीज कंपनी, दूसरे प्रोडक्ट इस्तेमाल करने वाले किसानों पर मुकदमा भी कर देती है. जीन संवर्धित बीज बेचने वाली इस कंपनी पर दुनिया भर में अपना एकाधिकार जमाने के आरोप लगते हैं. 2002 में मॉन्सैंटो पर अल्बामा नदी में कचरा डालने के आरोप भी रहे. वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिका ने रासायनिक हथियार एजेंट ऑरेंज का इस्तेमाल किया, यह भी मॉन्सैंटो ने ही बनाया.

हैलीबर्टन

फ्रैकिंग तकनीक से तेल निकालने वाली इस कंपनी को पर्यावरणप्रेमी नापसंद करते हैं. इस अमेरिकी कंपनी पर इराक युद्ध में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होने के आरोप भी लगे. कंपनी पर तेल समृद्ध देशों में भ्रष्टाचार फैलाने के आरोप भी हैं. इराक में सिर्फ इसी कंपनी को 7 अरब डॉलर का ठेका मिला, बाकी को कुछ नहीं मिला.

रियो टिंटो

ऑस्ट्रेलिया की दिग्गज खनन कंपनी रियो टिंटो पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं. 1970 के दशक में कंपनी नामीबिया में गैरकानूनी रूप से यूरेनियम खनन करने में पकड़ी गई. मुनाफे से वह दक्षिण अफ्रीकी की नस्लभेदी सरकार की मदद करती थी. कंपनी पर अफ्रीका के हथियारबंद गुटों को पैसा देने के आरोप भी लगे.

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