नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को 2020-21 के लिए 30 दिनों के परिलब्धियों के बराबर गैर-उत्पादकता से संबंधित बोनस (तदर्थ बोनस) के अनुदान को हरी झंडी दे दी है। यह लाभ ग्रुप ‘सी’ और ग्रुप ‘बी’ के सभी नॉन गजेटिड कर्मचारी, जो किसी प्रोडिक्टिविटी लिंक्ड बोनस योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं को मिलेगा। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, एडहॉक बोनस के भुगतान की गणना की सीमा 01-04-2014 से संशोधित रूप में 7000 रुपए की मासिक होगी।
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के ऑफिस मेमोरेंडम के मुताबिक, इन आदेशों के तहत एड-हॉक बोनस का भुगतान केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और सशस्त्र बलों के पात्र कर्मचारियों को भी किया जाएगा। इस बोनस का फायदा केंद्र शासित प्रदेशों के उन कर्मचारियों को भी मिलेगा, जो केंद्र सरकार के परिलब्धियों के पैटर्न का पालन करते हैं और किसी अन्य बोनस या अनुग्रह योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं।
इन शर्तों के आधार पर मिलेगा बोनस:-
- सिर्फ वे कर्मचारी जो 31-3-2021 को सेवा में थे और जिन्होंने वर्ष 2020-21 के दौरान कम से कम छह महीने की लगातार सेवा प्रदान की है, वे एड-हॉक बोनस के पात्र होंगे। पात्र कर्मचारियों को साल के दौरान छह महीने से एक पूर्ण वर्ष तक लगातार सेवा की अवधि के लिए आनुपातिक भुगतान स्वीकार्य होगा, पात्रता अवधि सेवा के महीनों की तादाद के संदर्भ में ली जा रही है।
- एड-हॉक बोनस की मात्रा की गणना औसत परिलब्धियों/गणना की उच्चतम सीमा, दोनों में से जो भी कम हो, के आधार पर की जाएगी। एक दिन के लिए नॉन-पीएलबी की गणना करने के लिए, एक साल में औसत परिलब्धियों को 30.4 (माह में दिनों की औसत संख्या) से विभाजित किया जाएगा। इसके बाद, दिए गए बोनस के दिनों की संख्या के साथ गुणा किया जाएगा।
- ऐसे कैजुअल लेबर जिन्होंने 6 दिनों के हफ्ते के बाद दफ्तरों में 3 वर्ष या उससे ज्यादा के लिए प्रत्येक वर्ष के लिए कम से कम 240 दिनों के लिए कार्य किया है (हर साल में 5 दिन सप्ताह का पालन करने वाले दफ्तरों के मामले में 3 साल या उससे अधिक के लिए 206 दिन), इस नॉन-पीएलबी भुगतान के लिए हक़दार होंगे।
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