राजकोट: गुजरात के राजकोट में आगामी नवरात्रि उत्सव के चलते आयोजित होने वाले गरबा कार्यक्रमों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। राजकोट के गरबा समारोह के आयोजकों ने बुधवार को यह घोषणा की, जिसमें कहा गया कि “लव जिहाद” की चिंताओं के मद्देनजर कार्यक्रम में प्रवेश के लिए फोटो पहचान पत्र आवश्यक होगा।
शहर के पाटीदार समुदाय ने गैर-हिंदू व्यक्तियों के उत्सव कार्यक्रम में प्रवेश करने और हिंदू महिलाओं से दोस्ती करने पर चिंता जताई है। पाटीदार समुदाय ने गरबा कार्यक्रमों के चलते “लव जिहाद” के कथित मामलों पर अंकुश लगाने की मांग की है। “लव जिहाद” एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल दक्षिणपंथी हिंदू समूह मुस्लिम युवकों द्वारा स्वयं को हिंदू बताकर शादी के माध्यम से हिंदू महिलाओं का धर्म परिवर्तन करने के आरोपों के लिए करते हैं।
डांडिया और गरबा समारोहों में एंट्री के लिए आधार कार्ड जरूरी साहिर रसोत्सव के प्रबंधक सुरेंद्रसिंह वाला ने एक बयान में कहा है कि शहर में इसी प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजकों को पहचान के प्रमाण के रूप में आधार कार्ड दिखाने के पश्चात् उपस्थित लोगों को प्रवेश पास जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि “लव जिहाद” की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ये नियम बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, कडवा पाटीदार समाज के नेता पुष्कर पटेल ने भी इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा है कि नवरात्रि के चलते “लव जिहाद” के मामलों पर रोकथाम के लिए कार्यक्रम आयोजकों को प्रवेश के लिए आधार कार्ड अनिवार्य करना चाहिए।
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