जीवन के तमाम सुख और ऐश्वर्य प्रदान करने वाली देवी मां लक्ष्मी को लेकर हर किसी की चाहत होती है कि वो उसके घर में स्थायी रूप से रहें और उसका धन का भंडार दिन दुगुना रात चौगुना होता रहना चाहिए । धन की देवी उसी के घर में टिकती हैं, जिनके यहां पवित्रता होती है। जो आलस्य को छोड़कर धर्म के पथ पर चलता हुआ कर्म करता है। इसके अलावा बुरी आदतों वाले अकर्मण्य व्यक्ति के घर से धन की देवी रूठ कर चली जाती हैं। आइए जानते हैं कि वो कौन सी बुरी आदते हैं, जिनके कारण धन और सुख का नाश हो जाता है।
भतृहरि के अनुसार धन की तीन गतियां हैं — दान, भोग और नाश। यदि कोई मनुष्य संपन्न होते हुए भी जरूरतमंद को दान नहीं करता है तो निश्चित रूप से कुछ समय बाद उसका धन नष्ट हो जाता है। इसी तरह यदि धन होने के बावजूद वह उसे नहीं खर्च करता है तो भी वह नष्ट हो जाता है। जबकि दान और भोग नहीं करने वाले व्यक्ति का धन तो अंतिम गति पाते हुए नष्ट हो ही जाता है। आलसी व्यक्ति की तरह दिन में सोने वाले व्यक्ति के घर में भी लक्ष्मी कभी नहीं टिकती हैं। ऐसे व्यक्ति का धन बहुत जल्दी समाप्त हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार यदि धन की इच्छा हो तो कभी भी दिन में नहीं सोना चाहिए। हालांकि दिन में रोगी और बच्चे को सोने की छूट होती है।
इसके अलावा काम की तरह क्रोध भी मनुष्य के धन के नाश का कारण बनता है। क्रोध व्यक्ति का सब कुछ छीन लेता है। शास्त्रों के अनुसार विपरीत परिस्थिति में कभी अपना आपा नहीं खोना चाहिए। विपत्ति के दौरान जो लोग संयम खो देते हैं और क्रोध करते हैं, उनका और उनके धन का अक्सर नाश होता है। शास्त्रों में क्रोध को असुरों का गुण कहा गया है और इसी कारण असुर हमेशा देवताओं से हारे हैं।
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