नई दिल्ली: देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू होने के बाद से ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं और इस कानून का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। इसी को लेकर पाकिस्तान और बांग्लादेश से पलायन कर भारत आए हिन्दू शरणार्थियों ने गुरुवार को केजरीवाल के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था, जिस पर अब केजरीवाल आगबबूला हो गए हैं।
इन पाकिस्तानियों की हिम्मत? पहले हमारे देश में ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से घुसपैठ की, हमारे देश का क़ानून तोड़ा। इन्हें जेल में होना चाहिए था। इनकी इतनी हिम्मत हो गयी कि हमारे देश में प्रदर्शन कर रहे हैं, हुडदंग कर रहे हैं? CAA आने के बाद पूरे देश में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी फैल… https://t.co/xjVVrrglt7
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 15, 2024
केजरीवाल ने इस प्रदर्शन पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'इन पाकिस्तानियों की हिम्मत? पहले हमारे देश में गैर कानूनी तरीके से घुसपैठ की, हमारे देश का कानून तोड़ा, इन्हें जेल में होना चाहिए था, इनकी इतनी हिम्मत हो गयी कि हमारे देश में प्रदर्शन कर रहे हैं, हुडदंग कर रहे हैं? CAA आने के बाद पूरे देश में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी फैल जाएंगे और लोगों को परेशान करेंगे। बीजेपी इन्हें अपना वोट बैंक बनाने के स्वार्थ में पूरे देश को परेशानी में धकेल रही है।' अब पड़ोसी देशों से आए ये हिन्दू-सिख, ईसाई समुदाय के लोग आज कांग्रेस हेडक्वॉर्टर के बाहर भी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस भी CAA का विरोध कर रही है। बता दें कि, केजरीवाल और कांग्रेस पर अक्सर अवैध रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को बसाने के इल्जाम लगते रहते हैं। कई ऐसे वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमे दिल्ली में रोहिंग्याओं की बस्तियां दिखाई गई हैं, लेकिन अवैध घुसपैठियों को बाहर निकालने का अधिकतर विपक्षी दल पूरी ताकत से विरोध करते हैं। कुछ ऐसे वीडियो भी हैं, जिसमे दिल्ली में रह रहे रोहिंग्या खुद बताते हैं कि, केजरीवाल सरकार ने उन्हें हर सुविधा दे रखी है. वहीं, जो हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई , पड़ोसी मुल्कों से अपनी जान बचाकर भागकर आए हैं, उन्हें भारत में बसाने का केजरीवाल विरोध करते हैं।
हिन्दू शरणार्थियों के विरोध
— कुंवर अजयप्रताप सिंह (मोदी का परिवार) (@iAjaySengar) March 15, 2024
रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को मुफ्त राशन, रहने के लिए मकान
शर्म करो केजरीवालpic.twitter.com/Bh5nZvha9e
ऐसे में सवाल ये उठता है कि, 2022 में ही हमने अफगानिस्तान में तालिबान शासन आने के बाद वहां के सिखों और हिन्दुओं को अपने धर्मग्रन्थ सर पर रखकर भारत आते देखा था, तो क्या भारत को उन्हें नागरिकता नहीं देनी चाहिए ? आज़ादी के बाद पाकिस्तान-बांग्लादेश में कई बड़ी संख्या में हिन्दू-सिख आबादी हुआ करती थी, जो अब घटकर नाममात्र की रह गई है, अगर वे अपनी जान बचाकर भारत में शरण मांगने आते हैं, तो क्या भारत अपने दरवाजे बंद कर सकता है ?
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