इन लोगों को होता है स्ट्रोक का ज्यादा खतरा, रिसर्च से हुआ खुलासा

इन लोगों को होता है स्ट्रोक का ज्यादा खतरा, रिसर्च से हुआ खुलासा
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नींद हमारी सेहत और दैनिक दिनचर्या के लिए एक अहम तत्व है, क्योंकि यह न केवल हमारे शरीर को आराम देती है, बल्कि दिमागी स्थिति और शारीरिक स्वास्थ्य को भी बनाए रखती है। अच्छी नींद लेना हमें अगले दिन पूरी ऊर्जा और ताजगी के साथ कार्य करने में सक्षम बनाता है। सामान्यत: रात में 7 से 8 घंटे की नींद को आदर्श माना जाता है, क्योंकि यह हमारी शारीरिक और मानसिक गतिविधियों को संतुलित रखने के लिए पर्याप्त होती है। हालांकि, हर व्यक्ति की नींद की आवश्यकता अलग-अलग होती है, और यह उनकी शारीरिक स्थिति, कार्य की प्रकृति, और दिनचर्या पर निर्भर करता है। कुछ लोग थोड़ी कम नींद लेकर भी तरोताजा महसूस करते हैं, जबकि कुछ को ज्यादा नींद की आवश्यकता होती है। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति ज्यादा समय तक सोता है, तो यह उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

ज्यादा नींद लेने के स्वास्थ्य पर प्रभाव
हालांकि 7 से 8 घंटे की नींद सामान्यतः पर्याप्त मानी जाती है, लेकिन कई लोग इससे अधिक सोते हैं, और यह उनकी सेहत पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, अधिक सोने से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। इनमें से एक प्रमुख समस्या है स्ट्रोक, जिसे अक्सर अधिक सोने से जुड़ा हुआ पाया गया है।

एक रिसर्च के अनुसार, ज्यादा सोने वालों को स्ट्रोक का खतरा सामान्य नींद लेने वालों से 85 प्रतिशत ज्यादा होता है। स्ट्रोक एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है, जिसमें मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह रुक जाता है, जिससे मस्तिष्क की नसें फट सकती हैं। यह स्थिति जीवन के लिए खतरनाक हो सकती है, और इससे मृत्यु तक हो सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, लगातार ज्यादा सोना शरीर के कई अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है, जैसे दिल, मस्तिष्क, और पाचन तंत्र।

रिसर्च: ज्यादा सोने का खतरा
इस रिसर्च में शोधकर्ताओं ने 31,750 प्रतिभागियों के नींद पैटर्न का अध्ययन किया, जो लगभग 6 वर्षों से नियमित रूप से एक जैसी नींद ले रहे थे। इन प्रतिभागियों की औसत उम्र 62 वर्ष थी। इस अध्ययन में स्ट्रोक के अन्य कारकों जैसे शराब, धूम्रपान, हृदय रोगों का इतिहास, और कोलेस्ट्रॉल की समस्याओं को भी ध्यान में रखा गया।

अध्ययन में यह पाया गया कि जो लोग हर रात 9 घंटे या उससे अधिक सोते थे, उनमें स्ट्रोक का खतरा उन लोगों के मुकाबले 23 प्रतिशत अधिक था, जो 7 से 8 घंटे की नींद लेते थे। इसके अलावा, जिन लोगों ने दिन में 90 मिनट या उससे अधिक समय तक झपकी ली थी, उनमें स्ट्रोक का खतरा 85 प्रतिशत अधिक पाया गया। शोधकर्ताओं ने इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए नींद की गुणवत्ता और अन्य स्वास्थ्य कारकों का गहन विश्लेषण किया।

ज्यादा नींद और शारीरिक समस्याएं
अधिक सोने के कारण सूजन, मोटापे और अन्य शारीरिक समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। जब हम अत्यधिक समय तक सोते हैं, तो शरीर में सूजन बढ़ सकती है, जिससे हृदय और मस्तिष्क पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इसके अलावा, अधिक नींद से मेटाबोलिज्म धीमा हो सकता है, जिससे मोटापा और अन्य संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

अधिक सोने का संबंध मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से भी देखा गया है, जैसे चिंता और अवसाद। जब हम बहुत अधिक सोते हैं, तो यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है, जिससे मानसिक थकावट और मानसिक स्पष्टता की कमी हो सकती है।

कैसे बचें अधिक सोने से?
अगर आप अधिक सोने की आदत से बचना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ आसान कदम उठाए जा सकते हैं।

नींद का नियमित रूटीन बनाएं: सोने और जागने का एक नियमित समय निर्धारित करें, ताकि आपका शरीर एक निश्चित समय पर आराम महसूस कर सके।

एक निश्चित समय पर सोएं और उठें: रोजाना एक ही समय पर सोने और जागने से शरीर की आंतरिक घड़ी संतुलित रहती है, और इससे आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।

7-8 घंटे से ज्यादा नींद से बचें: सामान्यत: 7 से 8 घंटे की नींद पर्याप्त मानी जाती है। इससे ज्यादा सोने से बचें, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

अलार्म का उपयोग करें: सोने से पहले अलार्म सेट करें ताकि आप ज्यादा देर तक न सोएं और समय पर जाग सकें।

दिन में झपकी से बचें: दिन में ज्यादा देर तक झपकी लेना नींद के चक्र को प्रभावित करता है, और रात में गहरी नींद लेने में समस्या उत्पन्न कर सकता है।

शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं: नियमित व्यायाम करने से आपकी नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है और आप स्वाभाविक रूप से थक जाते हैं, जिससे आप रात में गहरी नींद ले पाते हैं।

स्वस्थ आहार अपनाएं: संतुलित आहार से शरीर को आवश्यक पोषण मिलता है, और यह भी नींद को प्रभावित करता है। अधिक सोने से बचने के लिए ताजगी बनाए रखने वाले आहार को प्राथमिकता दें।

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