नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली की जेलों का नियम बदल दिया गया है. यहां पहली दफा अब विचाराधीन कैदियों के रूप में बिताए गए वक़्त के दौरान अच्छे आचरण के आधार पर उन्हें सजा में रियायत दी जाएगी. इस बाबत आधिकारिक बयान भी जारी कर दिया गया है. मौजूदा व्यवस्था के तहत, केवल दोषी ठहराए गए कैदियों की माफी के लिए ही उनके आचरण पर विचार किया जाता है.
वहीं, दोष सिद्ध होने के बाद अदालत अपराधी को सजा सुनाती है, जबकि विचाराधीन कैदी वह होता है, जिसे कोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान न्यायिक हिरासत में रखा जाता है. एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि, 'अब वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि एक नया नियम शामिल किया गया है, जिसके तहत विचाराधीन कैदियों के आचरण के आधार पर उन्हें रियायत देने पर विचार किया जा सकेगा. हालांकि, उनकी सजा में छूट तभी होगी, जब वे दोषी सिद्ध होंगे.'
अफसरों के मुताबिक, यह दिल्ली की जेलों में सुधारात्मक प्रशासन की दिशा में एक कदम है, जिससे कैदियों के सुधार और पुनर्वास की दिशा में उनकी कोशिशों को ताकत मिलेगी और कैदियों को समाज की मुख्य धारा में फिर से शामिल किया जा सकेगा.
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