यदि आप वेतनभोगी श्रेणी से आते हैं या व्यवसाय करते हैं तो टैक्स से संबंधित नियमों में किसी प्रकार के परिवर्तन से आपके जीवन पर प्रभाव पड़ता है। प्रत्यक्ष कर तथा परोक्ष कर से संबंधित नियमों में होने वाले किसी भी प्रकार के परिवर्तन पर आपको नजर रखनी चाहिए। एक अक्टूबर मतलब बृहस्पतिवार से प्रत्यक्ष कर तथा परोक्ष कर से जुड़े नियमों में इसी प्रकार के कुछ परिवर्तन होने वाले हैं। ये बदलाव आपके खर्च करने के पैटर्न, लेनदेन तथा फंड फ्लो पर बहुत अधिक प्रभाव डालने वाले सिद्ध हो सकते हैं।
1 अक्टूबर से टेलीविजन से सबंधित एक प्रमुख कम्पोनेंट पर सरकार पांच फीसद का आयात शुल्क लगाने जा रही है। गवर्मेंट ने एक वर्ष के लिए यह राहत दी थी। आयात शुल्क में बढ़ोतरी के माध्यम से सरकार का उद्देश्य कम लागत के इम्पोर्ट में हतोत्साहित करना तथा स्थानीय स्तर पर उत्पादन को प्रोत्साहित करना है।
कुछ केसों को छोड़कर अब देश से बाहर पैसे भेजने पर गवर्मेंट पांच फीसद का TCS (टैक्स कलेक्टेड एड सोर्स) लेगी। फॉरेन टूर पैकेज क्रय करने के लिए विदेश भेजी गई किसी भी राशि पर यह टैक्स देय होगा। हालांकि, हाई एजुकेशन के लिए कर्ज लेकर पैसे ट्रांसफर करने पर 0.5 फीसद की दर से TCS देय होगा। साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को अब विक्रेताओं को किए जाने वाले भुगतान पर एक फीसद की दर से टीडीएस की कटौती करनी होगी। इस कदम का उद्देश्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर चीजों की बिक्री करने वाले छोटे विक्रेताओं को टैक्स के दायरे में लाने का है। ई-कॉमर्स कंपनियों को पेमेंट के वक़्त स्रोत पर कर कटौती करनी होगी। इसी के साथ कई बदलाव हो सकते है।
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