कठुआ हमले को लेकर हुए ये चौंकाने वाले खुलासे

कठुआ हमले को लेकर हुए ये चौंकाने वाले खुलासे
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कठुआ: जम्मू कश्मीर के कठुआ में रविवार को हुए आतंकी हमले से जुड़े नए खुलासे सामने आए हैं। सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों ने हमले के दौरान बॉडीकैम पहने हुए थे ताकि पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं को लाइव वीडियो रिकॉर्डिंग भेजी जा सके। सूत्रों की मानें तो भारतीय फौज से सीधे मुकाबले में नाकाम हो रहे पाकिस्तान पोषित आतंकियों ने अब डिजिटल टेरर प्लान तैयार किया है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI डिजिटल डिवाइस से लैस आतंकियों को घुसपैठ करवा रही है। हाल के आतंकी हमलों में आतंकियों के पास से मिली सामग्री से यह खुलासा हुआ है।

सूत्रों के अनुसार, आतंकियों को इन्क्रिप्टेड डिजिटल मैप और ऑफलाइन लोकेशन ऐप के साथ कश्मीर में दाखिल कराने की योजना बनाई गई है। बीते कुछ महीनों में मारे गए आतंकियों के पास से इन्क्रिप्टेड डिजिटल मैप बरामद हुए हैं, जिनमें घुसपैठ के रास्ते पहले से फीड होते हैं। आतंकियों को सीमापार से निर्देश प्राप्त करने के लिए भी ये ऐप्स दिए गए हैं। जैश के आकाओं ने आतंकियों को भारतीय सुरक्षाबलों पर हमले की लाइव वीडियो रिकॉर्डिंग करने के आदेश भी दिए हैं, जिसके लिए उन्हें बॉडीकैम तथा हैंडकैमरा प्रदान किए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में 20 से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। तहकीकात में पाया गया कि आतंकियों ने गांव में घुसकर कई गांव के लोगों को बंदूक की नोक पर खाना बनाने को मजबूर किया था तथा सुरक्षाबलों के हथियार छीनने की योजना बनाई थी, जो नाकाम हो गई। घायल होने के बावजूद जवानों ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया और उनके मंसूबों को नाकाम किया।

तहकीकात में यह भी पता चला है कि हमले से ठीक पहले एक ट्रक ने सेना के काफिले की गाड़ियों को ओवरटेक किया था। जैसे ही सेना के वाहन स्लो हुए, आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी आरम्भ कर दी, जिसमें 5 जवान शहीद हो गए और 5 अन्य घायल हो गए। माचेडी-किंडली-मल्हार पहाड़ी सड़क पर सेना के वाहनों के पीछे चल रहे इस ट्रक पर संदेह जताया जा रहा है। अफसरों के अनुसार, ट्रक चालक ने जानबूझकर पुलिया पर ओवरटेक मांगकर सैन्य काफिले को निकलने में देरी करवाई थी। 

ऐसे हुआ था कठुआ हमला
कठुआ हमले की घटना 7 जुलाई को हुई जब सुरक्षाबल कठुआ के बडनोटा में तलाशी अभियान चला रहे थे। आतंकियों ने घात लगाकर सेना के वाहनों पर ग्रेनेड फेंके एवं गोलीबारी की। इलाके में रेकी के लिए स्थानीय गाइड ने आतंकियों की सहायता की थी। गाइडों ने आतंकियों को खाना और पनाह दी थी तथा हमले के बाद उन्हें छिपने में भी मदद की थी।

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