सिन्दूर का महत्व सुहागन स्त्री से अच्छा और कोई नहीं जान सकता, हिन्दू धर्म में सिन्दूर का बहुत महत्व है इसे सुहागनों के माथे का प्रतीक माना जाता है. हिन्दू सुहागन महिलायें अपने पति की लम्बी उम्र के लिए इसे अपनी मांग में लगाती है. यह महिलाओं के सिंगार का एक हिस्सा है. और भगवान को भी सिन्दूर का ही तिलक लगाया जाता है. सिन्दूर का उपयोग हिन्दू धर्म में शादी, गृहप्रवेश आदि सभी प्रकार के शुभ कार्यो में किया जाता है. शास्त्र में भी सिन्दूर को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है इसका इस्तेमाल सभी प्रकार की तंत्र विद्या को साधने में किया जाता है.आज हम आपको सिन्दूर से जुड़े कुछ ऐसे उपाय बताएँगे जिसके माध्यम से आप अपने जीवन के कई दोषों का निवारण कर सकते है.
यदि किसी व्यक्ति के घर में कोई वास्तु दोष है जिसके कारण उसके घर में कई प्रकार की समस्या उत्पन्न हो गई है तो सिन्दूर को सरसों के तेल में मिलकर उसे अपने घर के मुख्य दरवाजे पर लगाने से उस व्यक्ति के घर का वास्तु दोष समाप्त हो जाता है और और उसकी सारी समस्याएँ समाप्त हो जाती है .
यदि किसी व्यक्ति के जीवन में हमेशा धन का आभाव रहता है, बहुत मेहनत करने के बाद भी ये समस्या बनी रहती है तो गुरूवार के दिन एक पीले कपड़े पर सिन्दूर और केसर को मिलकर उसपर 63 लिखने के बाद उस कपड़े को लक्ष्मी जी के मंदिर में रखने से आपके जीवन में धन की समस्या कभी उत्पन्न नहीं होगी.
यदि किसी व्यक्ति के घर में हमेशा वाद विवाद की स्थिति रहती है जिसके कारण उसके घर की शान्ति भंग हो गई है तो एक लाल रंग के कपड़े में एकाक्षी नारियल को रखकर उसपर सिन्दूर लगाकर अपने घर के पूजास्थल पर रखने से आपके घर की सुख शांति वापस लौट आती है और आपके घर में हमेशा खुशियों बनी रहती है.
भोजन के माध्यम से भी आप कर सकते हैं अपने घर की दरिद्रता को दूर
तो आपके जीवन में डर नाम का शब्द ही खत्म हो जाएगा
इस तरह किया होलिका दहन, तो जीवन हो जायेगा धन्य
घर में है अगर वास्तुदोष तो ऐसे करें उन्हे जड़ से खत्म