वैसे तो हनुमानगढ़ी मंदिर काफी प्राचीन है लेकिन इस मंदिर का जीर्णोद्वार करीब तीन सौ साल पहले अयोध्या के सुल्तान मंसूर अली ने करवाया था. हुआ यूं कि उनके इकलौते लड़के का स्वास्थ्य खराब हो गया.तब उन्होंने यहां एक पेड़ के नीचे बने छोटे से मंदिर में हनुमानजी से प्रार्थना की. उनका पु्त्र मौत के मुंह से वापिस आ गया. इस तरह यहां उन्होंने एक भव्य हनुमानजी के मंदिर का निर्माण करवाया.
ठीक इसी तरह लखनऊ के हनुमान मंदिर की मान्यता है. लखनऊ में यह मंदिर अलीगंज में है. यह मंदिर 200 साल पहले मुहम्मद अली शाह ने बनवाया था. वह अवध के नवाब थे. उनके कोई संतान नहीं थी. एक रात बेगम को सपना आया कि इस्लामबाड़ी में हनुमान जी की मूर्ति दबी हुई है. सुबह दबी मूर्ति को निकाला गया और मंदिर निर्माण किया गया. इस तरह बेगम की मन्नत भी पूरी हुई.
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