प्रेगनेंसी से पहले जरूरी होते है ये टेस्ट

प्रेगनेंसी से पहले जरूरी होते है ये टेस्ट
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प्रेगनेंसी किसी भी महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत समय होता है, लेकिन इस दौरान खुद का और गर्भ में पल रहे बच्चे का खास ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है। डॉक्टरों का मानना है कि प्रेगनेंसी से पहले हर कपल को कुछ जरूरी टेस्ट करवाने चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दोनों में किसी भी तरह की बीमारी या स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या नहीं है।

इन प्री-प्रेगनेंसी टेस्ट्स के आधार पर ही डॉक्टर महिला को जरूरी डाइट, सप्लीमेंट्स और एक्सरसाइज की सलाह देते हैं, जिससे स्वस्थ गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप भी प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं, तो आइए जानते हैं कि कौन-कौन से टेस्ट आपको और आपके पति को करवाने चाहिए।

1. ब्लड ग्रुप टेस्ट

प्रेगनेंसी से पहले कपल का ब्लड ग्रुप जानना बहुत जरूरी होता है। अगर किसी महिला का आरएच नेगेटिव या पॉजीटिव ब्लड ग्रुप है और उसके पति का ब्लड ग्रुप भी आरएच नेगेटिव है, तो इससे बच्चे में हीमोलिएटिक डिजीज का खतरा रहता है। यह बीमारी बच्चे के ब्रेन को नुकसान पहुंचा सकती है और कई बार जानलेवा भी हो सकती है। इस टेस्ट के जरिए इस जोखिम से बचा जा सकता है, और डॉक्टर समय रहते सही उपाय बता सकते हैं।

2. एंटीबॉडी स्क्रीनिंग

कंसीव करने से पहले महिला का एंटीबॉडी टेस्ट भी होता है। अगर महिला ने पहले कभी खसरा या रूबैला का वैक्सीन लिया था, तो इस टेस्ट से पता चलता है कि उसे बूस्टर वैक्सीन की जरूरत है या नहीं। यह टेस्ट महिला और बच्चे दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।

3. सिफलिस सीरोलॉजी

सिफलिस एक यौन संक्रमित इंफेक्शन होता है, जिसके लक्षण कई बार दिखाई नहीं देते। यह इंफेक्शन प्रेगनेंसी में कई दिक्कतें पैदा कर सकता है। सिफलिस के लिए ब्लड टेस्ट जरूरी होता है, ताकि समय रहते इसका पता लगाया जा सके और एंटीबायोटिक्स से इसका इलाज किया जा सके।

4. वायरल इंफेक्शन की जांच

डॉक्टरों का सुझाव है कि गर्भधारण से पहले और प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी और एचआईवी की जांच जरूर करवानी चाहिए। यह टेस्ट मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा के लिए आवश्यक होते हैं, ताकि गर्भावस्था के दौरान कोई गंभीर समस्या न हो।

5. यूरिन टेस्ट

प्री-प्रेगनेंसी चेकअप में यूरिन टेस्ट भी बेहद जरूरी होता है। इस टेस्ट के जरिए यूटीआई (मूत्र मार्ग संक्रमण) और किडनी से जुड़ी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है। इससे अगर किसी भी तरह की समस्या सामने आती है, तो डॉक्टर समय पर उसका इलाज कर सकते हैं, जिससे बच्चे की सेहत पर कोई बुरा असर न पड़े।

6. गायनेकोलॉजिकल स्क्रीनिंग

यह टेस्ट महिला के प्रजनन अंगों की जांच के लिए किया जाता है, जिसमें यूटराइन फाइब्रॉएड, सिस्ट, गैर-कैंसरकारी ट्यूमर या पेल्विक इंफ्लेमेट्री डिजीज का पता लगाया जाता है। यह स्क्रीनिंग अनियमित पीरियड्स, पीसीओएस जैसी समस्याओं की जांच के लिए भी की जाती है, जो प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकती हैं। प्रेगनेंसी से पहले करवाए गए ये टेस्ट न केवल महिला बल्कि उसके बच्चे की सेहत के लिए भी महत्वपूर्ण होते हैं। सही समय पर की गई जांच और डॉक्टर की सलाह से आप एक स्वस्थ और सुरक्षित प्रेगनेंसी का आनंद ले सकती हैं। हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही कोई भी कदम उठाएं, ताकि आप और आपका बच्चा दोनों स्वस्थ रहें।

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