सिर्फ बीमारियां ही संक्रामक नहीं होती है, कई तरह की भावनाएं भी संक्रामक होती है. सर्दी-जुकाम, फ्लू यहां तक की जम्हाई लेना भी संक्रामक होता है. बहुत कम लोग जानते है कि कुछ भावनाए और व्यवहार भी संक्रामक होती है. तनावग्रस्त व्यक्ति के साथ लगातार रहने से आपको भी टेंशन हो सकता है.
इसका सीधा संबंध हार्मोन्स से है. जो लोग अकेले रहते है वह दूसरों के साथ बुरी तरह से पेश आते है. जिसके बाद वह दूसरे लोग अन्य लोगों के साथ बुरा व्यवहार करते है और ये चक्र इसी तरह चलता रहता है. डर की भावना भी संक्रामक होती है. घृणा की भावना भी तेजी से फैलती है. ख़ुशी की भावना भी संक्रामक होती है. आप जिस तरह के व्यक्ति के साथ रहते है उसके व्यवहार का असर भी आपकी जिंदगी में होता है.
इसलिए खुशहाल लोगों के साथ समय बिताएं. ताली बजाना भी संक्रामक है. कार्यक्रम में जिस तरह एक दो लोग तालियां बजाते है, उनके आसपास के लोग भी तालियां बजाने शुरू हो जाते है. फेसबुक स्टेटस भी संक्रामक है अगर किसी ने सकारात्मक पोस्ट की है तो कमेंट सकारात्मक आएगा और अगर नकारात्मक पोस्ट की है तो नकारात्मक कमेंट ज्यादा आएगें.
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