ये चीजें बन सकती हैं स्ट्रोक का कारण, रिसर्च में हुआ खुलासा

ये चीजें बन सकती हैं स्ट्रोक का कारण, रिसर्च में हुआ खुलासा
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दिल का स्वास्थ्य हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, और इसे बनाए रखने के लिए सही खान-पान पर ध्यान देना बेहद आवश्यक है। हाल के अध्ययनों से यह पता चला है कि कुछ पेय पदार्थ, जिन्हें हम आमतौर पर रोज़मर्रा की ज़िंदगी में उपयोग करते हैं, हमारे दिल के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं। खासकर कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, फलों के रस, और यहां तक कि कॉफी का नियमित सेवन स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकता है। आइए जानते हैं कि यह कैसे संभव है, और साथ ही यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि हमें इन पेयों का सेवन किस तरह नियंत्रित करना चाहिए।

स्ट्रोक का खतरा कैसे बढ़ता है?
स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाती है या मस्तिष्क की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इससे मस्तिष्क के उस हिस्से में आक्सीजन और पोषण की कमी हो जाती है, जिससे कोशिकाएं मरने लगती हैं। आमतौर पर यह इस्केमिक स्ट्रोक के रूप में होता है, जो रक्त के थक्के बनने के कारण होता है। यह थक्का रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध कर देता है, जिससे मस्तिष्क को पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता। दूसरी ओर, कुछ मामलों में रक्त वाहिकाएं फट सकती हैं, जिससे मस्तिष्क में आंतरिक रक्तस्राव होता है, जिसे हेमरेजिक स्ट्रोक कहा जाता है।

अब सवाल यह है कि हमारी पसंदीदा ड्रिंक्स जैसे कार्बोनेटेड पेय, फलों के रस और कॉफी स्ट्रोक के खतरे को कैसे बढ़ाते हैं?

क्या कहती है रिसर्च?
मैकमास्टर यूनिवर्सिटी, कनाडा और यूनिवर्सिटी ऑफ गैलवे के विशेषज्ञों ने इस पर व्यापक अध्ययन किया। अध्ययन में पाया गया कि बार-बार कार्बोनेटेड पेय या फलों के रस का सेवन करने से स्ट्रोक का जोखिम 37% तक बढ़ सकता है। इसके अलावा, शुगर से बने कार्बोनेटेड ड्रिंक्स से यह खतरा 22% तक बढ़ जाता है। यह निष्कर्ष जनरल ऑफ स्ट्रोक और इंटरनेशनल जनरल ऑफ स्ट्रोक में प्रकाशित हुए हैं।

इस शोध में 27 देशों के 27,000 लोगों को शामिल किया गया था, जिनमें से 13,500 ऐसे लोग थे जिन्होंने पहली बार स्ट्रोक का अनुभव किया था। इस अध्ययन में यह देखा गया कि जिन लोगों ने नियमित रूप से अधिक मात्रा में इन पेयों का सेवन किया, उनमें स्ट्रोक का खतरा अधिक देखा गया। शोध के नतीजे इस बात की ओर इशारा करते हैं कि ये पेय हमारे शरीर में क्या प्रभाव डालते हैं और हमें उनसे सावधान रहना चाहिए।

कॉफी और फिजी ड्रिंक्स का स्ट्रोक से क्या संबंध है?
कॉफी और शुगरी कार्बोनेटेड पेय पदार्थों में कैफीन और शुगर की अधिक मात्रा होती है, जो रक्तचाप को बढ़ाने में सहायक होती है। उच्च रक्तचाप स्ट्रोक के प्रमुख कारकों में से एक है। जब आप अत्यधिक मात्रा में कैफीन का सेवन करते हैं, तो इससे रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है। कैफीन रक्त को गाढ़ा कर सकता है, जिससे रक्त का प्रवाह धीमा हो जाता है और थक्का बनने की संभावना बढ़ जाती है।

फिजी ड्रिंक्स में मौजूद अतिरिक्त शुगर और प्रिजर्वेटिव्स भी शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करते हैं। ये पेय शरीर में इंसुलिन के स्तर को असंतुलित कर सकते हैं, जिससे टाइप 2 डायबिटीज और मोटापा जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। ये स्थितियां स्ट्रोक के जोखिम को और बढ़ा देती हैं। अध्ययन में यह भी पाया गया है कि महिलाएं, मोटापे से ग्रस्त लोग, और जो लोग पहले से ही किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, उनमें स्ट्रोक का खतरा और भी बढ़ जाता है।

कॉफी का स्ट्रोक पर प्रभाव
कॉफी पर की गई रिसर्च से यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि अगर कोई व्यक्ति रोजाना चार कप या उससे अधिक कॉफी पीता है, तो उसे स्ट्रोक का खतरा हो सकता है। सामान्यतः हम चार कप कॉफी को एक सामान्य मात्रा मानते हैं, लेकिन इससे अधिक सेवन करने पर स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। अधिक कॉफी पीने से शरीर में कैफीन की अधिकता होती है, जो रक्तचाप और दिल की धड़कनों को प्रभावित करती है।

फिजी ड्रिंक्स और फ्रूट जूस का स्ट्रोक से संबंध
फिजी ड्रिंक्स और पैकेज्ड फ्रूट जूस, जिनमें अधिक मात्रा में शुगर और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, शरीर में शुगर के स्तर को बढ़ाते हैं। इन पेयों में मौजूद खाली कैलोरी न केवल वजन बढ़ाने में सहायक होती है, बल्कि इससे मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित होता है। लंबे समय तक इनका सेवन करने से इंसुलिन प्रतिरोध, डायबिटीज, और हृदय रोग जैसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं, जो स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकती हैं। पैकेज्ड जूस में फाइबर की कमी होती है और शुगर की मात्रा अत्यधिक होती है, जिससे ये सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

कौन से पेय आपके लिए सुरक्षित हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार, आप पूरी तरह से कॉफी या चाय जैसे पेय पदार्थों को छोड़ नहीं सकते, लेकिन इनका सीमित सेवन करना बेहतर होता है। ग्रीन टी और हर्बल टी के सेवन से आपको नुकसान कम हो सकता है क्योंकि इनमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

आप दूध के अन्य विकल्पों का उपयोग भी कर सकते हैं। बादाम दूध, सोया दूध, या ओट्स से बनने वाले फोर्टिफाइड मिल्क बेहतर विकल्प हो सकते हैं। ये न केवल कैलोरी में कम होते हैं, बल्कि दिल के लिए भी सुरक्षित होते हैं। पानी, नारियल पानी, और ताजे फलों के रस का सेवन भी बेहतर विकल्प हो सकते हैं, लेकिन इन्हें घर पर तैयार करना अधिक सुरक्षित है ताकि शुगर और प्रिजर्वेटिव्स से बचा जा सके।

सावधानियां और सुझाव
शुगर और कैफीन के सेवन को नियंत्रित करें: कॉफी, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, और शुगरी पेय पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में करें।

हर्बल टी और ग्रीन टी का सेवन बढ़ाएं: ये पेय पदार्थ शरीर को डिटॉक्स करने और मेटाबॉलिज्म को सही रखने में मदद करते हैं।

पानी का अधिक सेवन करें: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना न केवल शरीर को हाइड्रेटेड रखता है, बल्कि मेटाबॉलिज्म को भी बेहतर बनाता है।

स्वस्थ पेयों का चयन करें: अगर आप दूध पसंद नहीं करते हैं, तो फोर्टिफाइड मिल्क जैसे बादाम या सोया मिल्क का सेवन करें।

घरेलू पेय पदार्थों का सेवन करें: ताजे फलों के रस और नारियल पानी को प्राथमिकता दें।

इस प्रकार, यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि हम जो पेय पदार्थ पीते हैं, वे हमारे दिल और मस्तिष्क के लिए सुरक्षित हों। नियंत्रित मात्रा में सही पेयों का चयन हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में सहायक हो सकता है और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों से बचा सकता है।

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