वैसे तो हर व्यक्ति के जीवन में ग्रहों का प्रभाव होता है, उसके जीवन के सुख व दुःख सभी ग्रहों की दशा पर निर्भर करते है, लेकिन आप यह नहीं जानते की व्यक्ति के कर्म भी उसके सुख दुःख का कारण बनते है. हर इंसान अपने जीवन में कर्म अवश्य करता है, जिसका फल भी उसे इसी जीवन में मिलता है, जिसका निर्धारण कर्मफल दाता शनि देव ही करते है. जो व्यक्ति अपने जीवन में बुरे कर्म करता है, उसके सभी पुण्य समाप्त हो जाते है, और उसे शनि की महादशा साढ़ेसाती का सामना करना पड़ता है, जिसके प्रभाव से उसका जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. इस समस्या को दूर करने के लिए शास्त्रों में कुछ आसान से उपाय दिए गए है, जिनसे आप शनि के इन प्रभावों को दूर कर सकते है, तो आइये जानते है, कौन से है यह उपाय?
1. किसी भी शनिवार के दिन मौली को लेकर उससे अपनी लंबाई नापें व अब इस मौली को अपनी लंबाई के अनुसार काट लें इसके पश्चात एक आम के पत्ते पर इस मौली को लपेट दें तथा इसे पत्ते को अपने हांथों में लेकर अपनी मनोकामना इसके समक्ष प्रकट कर, इसे किसी प्रवाहित नदी के जल में विसर्जित कर दें.
2. शनिदेव के कोप को शांत करने के लिए शनिवार के दिन किसी पीपल के वृक्ष पर जलाभिषेक कर सरसों के तेल का दीपक जलाएं. व अपने दोनों हांथों को जोड़कर इस वृक्ष की सात परिक्रमा करें ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती से उत्पन्न सभी परेशानियां समाप्त हो जाती है.
3. यदि आपके जीवन में शनि की साढ़ेसाती के कारण आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है, तो शनिवार के दिन बिना नमक का भोजन ग्रहण करें. ऐसा करने से आपकी आर्थिक समस्या का अंत हो जाएगा.
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