मुंबई: महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, और सियासी दल एक-दूसरे पर आरोप लगाने में जुट गए हैं। इस बार संविधान का मुद्दा चुनाव प्रचार में प्रमुखता से उभरकर आया है, जिसे लेकर विपक्ष ने बीजेपी पर निशाना साधा है। राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख, शरद पवार, ने हाल की एक रैली में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी भारतीय संविधान में बदलाव का इरादा रखते हैं। पवार का कहना है कि विपक्ष को आशंका है कि बीजेपी लोकतंत्र को कमजोर करना चाहती है, और इसी कारण इंडिया गठबंधन का गठन हुआ है, ताकि संविधान को बचाया जा सके।
शरद पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी के लिए 400 सीटें मांग रहे थे, जो कि असामान्य है। आमतौर पर 300 से 350 सीटें हासिल करना ही बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। पवार ने कहा कि जब विपक्ष ने बीजेपी के इस लक्ष्य पर विचार किया, तो उन्हें लगा कि इसका मकसद संविधान में बदलाव करना हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की यह योजना आम जनता के अधिकारों को सीमित करने की दिशा में है।
इसके बाद विपक्ष ने संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होने का निर्णय लिया। पवार ने बताया कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, उद्धव ठाकरे, और अखिलेश यादव जैसे प्रमुख नेता लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक साथ आए। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने विपक्षी महा विकास आघाड़ी का समर्थन करते हुए राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 31 सीटें दीं, जिससे संविधान की रक्षा के प्रयासों को मजबूती मिली।
20 नवंबर को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का मतदान होगा, और 23 नवंबर को मतगणना होगी। एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना, बीजेपी, और अजीत पवार के साथ एनसीपी गठबंधन (महायुति) सत्ता बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, महा विकास आघाड़ी (एमवीए), जिसमें शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी), और कांग्रेस शामिल हैं, सत्ता में वापसी के लिए प्रयासरत हैं।
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