मॉस्को: दुनियाभर में कोविड-19 महामारी के विरुद्ध जंग के लिए वैक्सीन सबसे कारगर कही जा रही है. इसी दौड़ में विश्व के कई देशों के वैज्ञानिक कोविड-19 की वैक्सीन तैयार करने में लगे है. रूस ने विश्व की पहली कोविड-19 की वैक्सीन बनाने का दावा किया है, वहीं भारत में कोविड की तीन वैक्सीनों का ट्रायल फिलहाल किया जा चुका है. जिसके अतिरिक्त अमेरिका में कोविड की वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. चीन भी वैक्सीन बनाने में लगे हुए है. इस दौरान सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर आम जनता को कोरोना की वैक्सीन कब तक मिल सकता है?
रूस ने पहली वैक्सीन का किया ऐलान: रूस ने विश्व की पहली कोविड बनाने का दावा किया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सबसे प्रथम 11 अगस्त को पहली वैक्सीन की घोषणा की. पुतिन के अनुसार इस वैक्सीन का 2 माह तक इंसानों पर टेस्ट किया गया. रूस के अनुसार वैक्सीन ने सभी सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा गया है. रूसी स्वास्थय विभाग की ओर से इसे मंजूरी भीदे दी गई है. इस वैक्सीन को गामलेया इंस्टीट्यूट के साथ रूसी रक्षा विभाग ने विकसित किया है. हालांकि,विश्व में कई वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन के सुरक्षित होने पर संदेह बताया है, जिसका रूस ने खंडन किया है.
कब तक आएगी रूसी वैक्सीन ?: रूस ने अपनी पहली वैक्सीन की घोषणा, तीसरे चरण के ट्रायल के पहले ही जारी कर दिया है. रूस ने बताया है कि वह कुछ दिनों में जिसका अंतिम ट्रायल शुरू किया जाने वाला है. कहा जा रहा है कि रूस में अब बड़े पैमाने पर लोगों को यह वैक्सीन देनी की शुरुआत होनी वाली है. समाचार एजेंसी रायटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस में सितंबर से इस वैक्सीन का अद्यौगिक उत्पादन शुरू किया जाने वाला है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विश्व भर के 20 देशों से इस वैक्सीन के एक अरब से ज़्यादा डोज के लिए अनुरोध रूस को मिल गया है. रूस प्रत्येक वर्ष 50 करोड़ डोज बनाने की तैयारियों में जुटा है. रूसी मीडिया की मानें तो जनवरी 2021 में से पहले यह वैक्सीन अन्य देशों के लिए उपलब्ध की जाने वाली है.
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