साढ़े तेरह करोड़ लोगों के आधार नंबर लीक होने का खतरा

साढ़े तेरह करोड़ लोगों के आधार नंबर लीक होने का खतरा
Share:

नई दिल्ली : यह खबर चिंता बढ़ाने वाली है कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सुरक्षा कार्यप्रणाली में कमी के कारण देश के चार सरकारी पोर्टल पर उपलब्ध करीब 13.5 करोड़ लोगों के आधार नंबर और निजी जानकारियां लीक होने का खतरा बढ़ गया है.हालाँकि आईडीएआई ने कहा कि किसी भी तरह का डाटा लीक नहीं किया जा सकता है.

गौरतलब है कि यह आशंका बेंगलुरु स्थित सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसाइटी (सीआईएस) की एक रिपोर्ट में जताई गई है. रिपोर्ट कहती है कि वेबसाइटों पर उपलब्ध नंबरों को चार पोर्टल के जरिये 13 से 13.5 करोड़ लोगों के आधार नंबर लीक हो सकते हैं.यही नहीं दस करोड़ लोगों के बैंक खाता संख्या के भी लीक होने की आशंका है.  जिन चार सरकारी पोर्टल से ये महत्वपूर्ण जानकारियां लीक होने की आशंका जताई गई है, उनमें राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम और राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) हैं.इसके अलावा आंध्र प्रदेश सरकार की दो वेबसाइट हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) के लिए 23 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को आधार से जोड़ा गया है.अगर कई महत्वपूर्ण योजनाओं में किसी नंबर को लेकर लापरवाही से प्रयोग होता है, तो उसका डाटा आसानी से लीक हो सकता है.

बता दें कि यूआईडीएआई ही देश में आधार जारी करता है. यूआईडीएआई पहले भी कह चुका है कि आधार में सुरक्षा स्तर पर कोई कमी नहीं है. किसी भी तरह का डाटा लीक नहीं किया जा सकता है.उसके अनुसार, आधार में इस्तेमाल होने वाले डिवाइस में अभी द्विस्तरीय सुरक्षा प्रणाली है. जून से इसे त्रिस्तरीय किया जा रहा है.

यह भी देखें

पैन कार्ड को लेकर आधार कार्ड का प्रयोग देता है मजबूती

आधार कार्ड डाटा या पर्सनल डाटा लीक पर कानून !

 

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -