पटना: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख चिराग पासवान ने गुजरात में भाजपा को हराने के राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उनका घमंड अब और नहीं टिकेगा, क्योंकि आगामी चुनाव के नतीजे बताएंगे कि NDA कितना मजबूत है। उन्होंने विपक्ष के सुझावों का भी स्वागत किया और RJD नेता तेजस्वी यादव से सकारात्मक और प्रभावी तरीके से विपक्ष की भूमिका निभाने का आग्रह किया।
मीडिया से बात करते हुए रापौली विधानसभा क्षेत्र के दौरे के बारे में पूछे गए सवालों पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि, "रापौली में जिस तरह से लोकसभा चुनाव हुए थे, उपचुनाव में भी कुछ ऐसा ही माहौल है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि NDA उम्मीदवार भारी बहुमत से चुनाव जीतने जा रहा है। चुनाव के दौरान विपक्ष ने संविधान भंग होने या संशोधन की बात कहकर गलत सूचना फैलाने की खूब कोशिश की और किसी तरह कुछ राज्यों में वे अपने नैरेटिव में सफल भी हुए, लेकिन बिहार ने उनके नैरेटिव को नकार दिया। चूंकि अब बिहार को डबल इंजन की सरकार मिली है, इसलिए इस बार भी रापौली की जनता ने विकास कार्यों को और तेजी से करने वाले उम्मीदवार को चुनकर मुख्यधारा में आने का फैसला किया है।"
गुजरात में भाजपा को हराने के राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, "सबसे पहले राहुल गांधी को फैजाबाद लोकसभा सीखना चाहिए, अयोध्या नहीं। अयोध्या विधानसभा क्षेत्र है और फैजाबाद लोकसभा का हिस्सा है। ऐसे में अगर उन्हें लगता है कि अयोध्या की जीत उनके लिए बड़ी बात है, तो हम भी अपनी गलतियों का विश्लेषण कर रहे हैं और उस दिशा में काम कर रहे हैं।'' पासवान ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, लोकसभा में 100 सीटें भी नहीं ला पाए और बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, मुझे लगता है कि उनका घमंड ज्यादा दिनों तक नहीं टिकेगा। आने वाले दिनों में कई राज्यों में चुनाव होने हैं, नतीजे बताएंगे कि NDA कितना मजबूत है।''
बता दें कि, शनिवार को, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराएंगे, जैसे उन्होंने लोकसभा चुनावों में अयोध्या में उसे हराया था। अहमदाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अयोध्या सहित लोकसभा क्षेत्र में भाजपा की हार का जिक्र किया और दावा किया कि INDIA गठबंधन ने पूर्व भाजपा प्रमुख लालकृष्ण आडवाणी द्वारा शुरू किए गए राम मंदिर आंदोलन को हरा दिया है। उल्लेखनीय है कि, आडवाणी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने के लिए 1990 में रथ यात्रा की थी। भाजपा ने कहा है कि यात्रा का उद्देश्य "धर्मनिरपेक्षता" और "सांप्रदायिकता" के बारे में प्रचलित बहस पर सवाल उठाना और "अल्पसंख्यकवाद के पंथ" को खारिज करना भी था।
भाजपा हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र हार गई, जिसमें अयोध्या विधानसभा आती है। इस जीत को अखिलेश यादव और राहुल गांधी एक ट्रॉफी की तरह देख रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि, उन्होंने राम मंदिर आंदोलन को हरा दिया। गौर करने वाली बात ये भी है कि, कांग्रेस और सपा शुरू से राम मंदिर के विरोध में रही है, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने जहाँ कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं थीं, वहीं, कांग्रेसी पीएम नरसिम्हा राव ने उसी स्थान पर बाबरी मस्जिद दोबारा बनवाने का वादा किया था। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में ये हलफनामा तक दे दिया था कि, राम काल्पनिक ही हैं, ताकि उनके जन्मस्थान पर बहस का मुद्दा ही ख़त्म हो जाए। हालाँकि, लंबी लड़ाई के बाद कोर्ट ने राम मंदिर के हक़ में फैसला दिया, पर अब उस लोकसभा क्षेत्र में INDIA अलायन्स की जीत ने कांग्रेस-सपा के इरादों को फिर से हवा दे दी है। दोनों बड़े नेता इस जीत को हिंदुत्व और राम मंदिर आंदोलन की हार के रूप में देख रहे हैं और पेश कर रहे हैं। अखिलेश तो यहाँ तक कह चुके हैं कि, अयोध्या के राजा अवधेश प्रसाद हैं, जो उनकी पार्टी के सांसद हैं।
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