पटना: बिहार में चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले सियासत में हलचल तेज हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) को एक और झटका लगा है। शुक्रवार को भोजपुर जिले की तरारी सीट से चार बार विधायक रहे बाहुबली नेता सुनील पांडे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थामने जा रहे है। उन्होंने हाल ही में रालोजपा से इस्तीफा दिया था तथा भारतीय जनता पार्टी उन्हें तरारी सीट से उपचुनाव में टिकट दे सकती है। पहले, पारस की पार्टी ने सुनील पांडे के बल पर भारतीय जनता पार्टी से उपचुनाव में तरारी सीट की मांग की थी।
सूत्रों के अनुसार, सुनील पांडे शुक्रवार को पटना में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पार्टी की सदस्यता लेंगे। वे पहले सीएम नीतीश कुमार की जेडीयू से विधायक रह चुके हैं, किन्तु 2015 में जदयू छोड़ने के पश्चात् उन्होंने लोजपा में सम्मिलित हो गए थे। 2020 में, उन्होंने तरारी से निर्दलीय चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहते हुए भारतीय जनता पार्टी के कौशल कुमार विद्यार्थी को तीसरे स्थान पर धकेल दिया था। हाल ही में, वे पशुपति पारस गुट वाली रालोजपा से जुड़े थे, लेकिन अब वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं।
सुनील पांडे अपनी दबंग छवि के लिए जाने जाते हैं और भूमिहार जाति से आते हैं। वे बाहुबली नेताओं की सूची में शामिल हैं। चर्चित आरा कोर्ट बम धमाके में उनका नाम सामने आया था, लेकिन सबूतों के अभाव में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। इसके अलावा, चाकूबाजी, रंगदारी, हत्या समेत कई आपराधिक मामलों में वे जेल जा चुके हैं। उनके गुट की रणवीर सेना के ब्रह्मेश्वर मुखिया से भी अदावत रही है। उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की हत्या के लिए उन्होंने लंबू सिंह नामक अपराधी को 50 लाख रुपये की सुपारी भी दी थी, जिसके चलते वे कुछ समय जेल में भी रहे। हाल ही में लंबू सिंह को आरा कोर्ट बम धमाके में फांसी की सजा सुनाई गई है, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी।
असम कांग्रेस प्रमुख भूपेन कुमार को इनकम टैक्स का नोटिस, दस्तावेज लेकर आज पेश होने का आदेश