नई दिल्ली: हाल ही में एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसमे बताया जा रहा है भारत के बड़े बैंक इंडसइंड बैंक (Indusind Bank) ने तकनीकी खामी की वजह बिना अनुमति के ही ग्राहकों को लोन मिलने की बात कबूल की है. बैंक की ओर से दी गई खबर में बताया गया कि कोरोना महामारी के चलते सहयोगी द्वारा माइक्रो फाइनेंस ऋण (Micro Loans) का वितरण किया जाना 'तकनीकी खामी' की वजह से हुआ था. इससे संबंधित फैक्ट ऑडिट कंपनी डेलॉयट (Deloitte) की तहकीकात में भी सामने आया है.
वही इस खामी के उजागर होने के पश्चात् बैंक ने कर्मचारियों की जवाबदेही का आकलन करने के लिए एक समिति भी गठित की है. इंडसइंड बैंक की ओर से शेयर बाजार को इस बारे में खबर दी गई. यह घटना इंडसइंड बैंक की सहयोगी भारत फाइनेंशियल इन्क्लुजन लिमिटेड (BFIL) द्वारा मार्च 2020 से अक्टूबर 2021 के बीच कस्टमर की अनुमति लिए बिना उन्हें माइक्रो फाइनेंस कर्ज के वितरण के आरोपों से संबंधित है.
वही शिकायत प्राप्त होने पर बैंक ने तुरंत इंटरनल ऑडिट, आईटी ऑडिट करवाने जैसे फैसले लिए. तत्पश्चात, फैक्ट ऑडिट कंपनी डेलॉयट (Deloitte) को जाँच का जिम्मा दिया गया. बैंक ने कहा कि डेलॉयट ने 7 मार्च 2022 को आखिरी रिपोर्ट सौंपी तथा इस रिपोर्ट के निष्कर्षों एवं आकलन के आधार पर बैंक के निदेशक मंडल ने पाया कि कस्टमर्स की अनुमति के बिना कर्ज वितरण तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुआ था.
मंत्रिमंडल ने विनिवेश के लिए एनएलएमसी की स्थापना को मंजूरी दी
भारत ने यूक्रेन से बांग्लादेशियों को भी सुरक्षित निकाला.., शेख हसीना ने पीएम मोदी को कहा धन्यवाद
प्रधानमंत्री मोदी ने नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट के साथ यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा की