अमेरिका में लगे रिश्वतखोरी के आरोपों पर अडानी ग्रुप का आया ये बड़ा बयान

अमेरिका में लगे रिश्वतखोरी के आरोपों पर अडानी ग्रुप का आया ये बड़ा बयान
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एशिया के प्रमुख उद्योगपतियों में शुमार गौतम अडानी और उनकी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी ने अमेरिकी अदालत में रिश्वतखोरी के आरोपों पर कड़ा रुख अपनाते हुए इसे पूरी तरह से झूठा और आधारहीन करार दिया है। कंपनी ने बुधवार को शेयर बाजार में दाखिल अपनी फाइलिंग में कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप गलत एवं निराधार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिकी फेडरल करप्शन प्रैक्टिसेस एक्ट (FCPA) के तहत लगाए गए आरोपों की खबरें पूरी तरह से असत्य हैं।

स्पष्टता के लिए अडानी ग्रुप का बयान
अडानी ग्रीन एनर्जी ने अपनी फाइलिंग में कहा है कि गौतम अडानी, सागर अडानी एवं विनीत जैन पर अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) या अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) के किसी भी मामले में किसी प्रकार का आरोप नहीं है। कंपनी ने कहा कि DOJ की अभियोजन कार्रवाई में केवल Azure एवं CDPQ के अफसरों पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए गए हैं। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि अडानी ग्रुप या उसके अफसरों के खिलाफ रिश्वत एवं भ्रष्टाचार के जो आरोप लगाए गए हैं, वे पूरी तरह से गलत और भ्रामक हैं।

फेडरल कोर्ट ने सुनवाई के चलते आरोप लगाया कि 2020 से 2024 के बीच भारत में सोलर प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अफसरों को $265 मिलियन की रिश्वत दी गई। अदालत ने यह भी कहा कि इस रिश्वत की जानकारी अमेरिकी कंपनी Azure Power Global से छिपाई गई। आरोपों के मुताबिक, इन प्रोजेक्ट्स के जरिए 20 वर्षों में लगभग ₹17,000 करोड़ के मुनाफे का अनुमान लगाया गया था। इसके लिए झूठे दावों के आधार पर बॉन्ड और लोन लिए गए। हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को निराधार बताया है।

देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने भी अडानी ग्रुप का बचाव किया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अडानी ग्रुप के प्रवक्ता के तौर पर नहीं, बल्कि कानूनी विशेषज्ञ के रूप में बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभियोजन में पांच आरोप सम्मिलित हैं, जिनमें से धारा 1 और धारा 5 मुख्य हैं। इन धाराओं के तहत गौतम अडानी और सागर अडानी पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है। रोहतगी ने यह भी कहा कि आरोपपत्र में यह स्पष्ट करना होता है कि आरोपी ने क्या किया है। आगे उन्होंने बताया कि आरोपपत्र में ऐसा कोई नाम नहीं है, जो गौतम अडानी या सागर अडानी को सीधे रिश्वतखोरी से जोड़ता हो। इसमें यह भी उल्लेख नहीं है कि रिश्वत किसे और कैसे दी गई।

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