गंभीर बीमारी से जूझ रही बॉलीवुड की ये अदाकारा

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क्या आप अपनी बॉडी के किसी एक या अधिक हिस्सों को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं? अगर हां, तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। इस स्थिति को बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर (BDD) कहा जाता है, जो एक मानसिक समस्या है। यह समस्या आपके जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है और कभी-कभी आपकी दैनिक दिनचर्या पर भी इसका असर पड़ने लगता है।

इलियाना डिक्रुज का खुलासा

एक्ट्रेस इलियाना डिक्रुज भी इस समस्या से जूझ रही हैं। फिटनेस के प्रति जागरूक रहने वाली इलियाना ने हाल ही में एक इंटरव्यू में इस बीमारी के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने बताया कि कैसे यह समस्या उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल रही थी।

बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर क्या है?

बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति अपने शरीर के किसी अंग की बनावट को लेकर अत्यधिक चिंतित रहता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपने शरीर में खामियां ढूंढता है। चाहे उनका शरीर कितना भी अच्छा क्यों न हो, वे हमेशा खुद में कमियां खोजते रहते हैं।

बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर के लक्षण

इस समस्या के कुछ प्रमुख लक्षण हैं:

शरीर के किसी अंग को लेकर असहज होना: व्यक्ति अपने किसी अंग, जैसे चेहरे या शरीर के आकार को लेकर चिंतित रहता है।

खुद की तुलना दूसरों से करना: व्यक्ति अक्सर अपनी शारीरिक बनावट की तुलना दूसरों से करता है, जिससे आत्म-esteem कम होती है।

नकारात्मक सोच: निरंतर नकारात्मक विचारों में उलझना।

चेहरे को ढकने की आदत: व्यक्ति अपनी खामियों को छिपाने के लिए अक्सर चेहरा ढकने की कोशिश करता है।

अकेले रहना: सामाजिक आयोजनों से दूरी बनाना।

शीशा देखना भी पसंद न आना: व्यक्ति खुद को देखने से कतराता है।

बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर के कारण

इस समस्या के कई कारण हो सकते हैं:

आनुवंशिक: यह बीमारी परिवार में चल सकती है।
दिमाग की रसायनिक असंतुलन: मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन होना।
मानसिक तनाव: मानसिक दबाव और तनाव भी इस समस्या को बढ़ा सकते हैं।
सामाजिक दबाव: समाज में सुंदरता के मानकों का दबाव।
मीडिया का प्रभाव: सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों में प्रदर्शित आदर्श छवियाँ।

बचाव के उपाय

बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर से बचने के लिए कुछ उपाय हैं:

लोगों के साथ समय बिताएं: अकेले रहने से बचें।

नकारात्मक सोच से दूर रहें: सकारात्मक सोच को अपनाएं।

अपनी तुलना दूसरों से न करें: खुद को स्वीकार करें।

अच्छी आदतों पर ध्यान दें: अपने अच्छे गुणों के बारे में सोचें।

पसंदीदा लोगों या गतिविधियों के साथ समय बिताएं: यह आपको मानसिक रूप से मजबूत बना सकता है।

इलाज के तरीके

अगर आप इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो कुछ इलाज के तरीके भी हैं:

कॉग्निटिव-बिहेवियरल थेरेपी (CBT): यह एक प्रभावी उपचार है।

दवाएं (एंटीडिप्रेसेंट्स): डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं मदद कर सकती हैं।

अपनों की मदद लें: परिवार और दोस्तों से समर्थन प्राप्त करें।

खुद की मदद करें: अपनी भावनाओं के प्रति जागरूक रहें और सकारात्मक सोचें।

बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर एक गंभीर मानसिक स्थिति है, लेकिन सही जानकारी और उपचार से इसे प्रबंधित किया जा सकता है। खुद को स्वीकार करना और सकारात्मक रहना इस चुनौती से निपटने का पहला कदम है।

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