आपने अक्सर पानी के बुलबुले ही देखे होंगे। तो क्या कभी गैस के बुलबुले देखे हैं। नही देखे हैं तो हम आपको आज इसके बारे में बता देते हैं। दरअसल, हम बात कर हैं ऐसे बुलबुले की जो घास के निचे बने हुए हैं। अगर आप वहां आप पैर रखते हैं तो वो दबने लगती है।
बता दे कि उत्तरी साइबेरिया में वैज्ञानिकों को ऐसे ही गैस के बड़े बुलबुले मिले हैं। ये बुलबुले घास के नीचे ही हैं जिन्हें दबाने से दबते जाते हैं। ये कोई आम बुलबुले नही है बल्कि ये एक बम की तरह होते हैं।
इसका आकार लगातार बढ़ता जाता है और एक समय आने पर ये फट भी जाते हैं। वैज्ञानिक इन्हें "ट्रेबलिंग टुंड्रा" कहते हैं। ये जब फटते हैं तो एक बहुत बड़ा गड्ढा बना देते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ये भू-गर्भीय गतिविधियों के चलते धरती से मीथेन गैस का रिसाव होता है। ये गैस ज़मीन के निचे खोखली जगह में पहुँचती है और ऐसे बुलबुले का निर्माण करती हैं।
वैज्ञानिकों को 2014 में पहली बार बेली द्वीप पर मीथेन का बुलबुल मिला था। इसके फूटने से बम जैसी ही आवाज़ होती है और करीब 100 किलोमीटर दूर तक सुनाई देती है।
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